समलैगिंग किरदार में नजर आएगें ….. गुलशन ग्रोवर

प्रेमबाबू शर्मा 

बालीवुड बेडमैन के रूप में लोकप्रियता पाने वाले अभिनेता गुलशन ग्रोवर के खाते में सबसे ज्यादा नकारत्मक किरदार ही आए। अस्सी के दशक से अपने को फिल्मी सफर की शुरुआत करने वाले गुलशन ने फिर पीछे मुड़कर नही देखा, लगभग तीस सालों में चार सौ से भी अधिक फिल्मों में उन्होंने कई तरह की भूमिकाएं निभाई। गुलशन ग्रोवर ने ना केवल भारतीय सिनेमा में बल्कि हॉलीवुड मैं और अंतरराष्ट्रीय सिनेमा में अपनी पहचान बनाई।’ गुलशन ग्रोवर इन दिनों सुर्खियों में अपनी नई फिल्म ‘बात बन गई’ में अभिनीत पुरुष वेश्या (समलैंगिक) किरदार को लेकर। अपने कैरियर को लेकर वे क्या सोचते सुनते है हाल में उनसे हुई बातचीत हुई पेश है उसके प्रमुख अंश है …………….’


फिल्म ‘बात बन गई’ में नए निर्देशक शुजा अली के साथ काम करने की कोई खास वजह ?
निर्देशक शुजा अली नए नहीं हैं, उन्होंने कई विज्ञापन फिल्में बनाई है, कई धारावाहिकों का निर्देशन भी किया हैं, ये उनकी पहली फिल्म जरुर है पर अपना काम वो अच्छी तरह से जानते हैं। दूसरी बाम फिल्म का कहानी ही दमदार थी कि मैं किरदार के लिए मना नही कर पाया और शुजा के साथ मे काम करना स्वीकार लिया।

फिल्म अपने किरदार के बारे में बताएगें ?
‘बात बन गई’ एक सामाजिक कॉमेडी फिल्म है और मैने पहली बार किसी फिल्म में डबल रोल किया हैं। एक भूमिका में प्रोफेसर हूं मैं, और दूसरी भूमिका में समलैंगिक यानि पुरुष वेश्या बना हूं, दोनों ही भूमिका मैने पहली बार की है।

फिल्म के ‘बात बन गई’ की कहानी क्या है ?’
‘बात बन गई’ साफ सुथरी पारिवारिक कॉमेडी फिल्म कही जा सकती है, ये कहानी शेक्सपियर के एक नाटक पर आधारित है की दुनिया में एक ही शक्ल के सात इंसान होते हैं, ये बात धार्मिक और वैज्ञानिक आधार पर साबित हो चुकी है।’ इसी कथानक को दर्शाती है फिल्म की कहानी।

आपकी पहचान बैड मैन के रूप में है और इसी तरह की कई भूमिकाएं भी आपने निभाई है, ‘समलैंगिक’ वाली भूमिका निभाने के लिये कोई खास वजह ?’
’वजह क्या होगी? एक कलाकार होने के नाते मैं हर किरदार को जीने की चाह रखता हूँ। और लोगों ने भी मुझे हर किरदार में स्वीकारा है। अब भी मुझे उम्मीद है कि लोग बैड मैन की तरह मुझे नये   मे भी स्वीकारेगें।

फिल्म में खास बात क्या लगी जिसने आपको ये भूमिका निभाने के लिये मजबूर किया है?’
फिल्म ‘बात बन गई’ में मैने पहली बार दोहरी भूमिका निभाई है और दोनों ही भूमिकाओ में काफी नयापन है, समलैंगिक की, दूसरी भूमिका के कारण पहली भूमिका वाले प्रोफेसर को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जो कॉमेडी का रूप बन जाता है, फिल्म में मुझ पर एक गाना भी फिल्माया गया है जो की पंजाब के एक लोकप्रिय गायक ने गाया है, सबसे मजेदार बात ये है की फिल्म के लगभग सभी पात्र दोहरी भूमिका में हैं और सबको अच्छी तरह से संभालना किसी भी निर्देशक के लिये मुश्किल हो सकता है, लेकिन शुजा अली ने बड़ी ही खूबसूरती से सभी भूमिकाओं के साथ न्याय किया हैं. दर्शक फिल्म का अवश्य मजा लेंगे।’