सामूहिक विवाह सम्मेलन में 51 युवक-युवती बने हम सफर


प्रेमबाबू शर्मा

राजेन्द्र नगर तिकोना पार्क में समाजिक संस्था वर्ल्ड ब्रदर्सहूड आॅरगाइनेशन का पांचवां सामूहिक विवाह सम्मेलन सम्पन्न हो गया। इस विवाह सम्मेलन में 51 युवक-युवतियों ने सर्वधर्म गुरूओं के समक्ष रिश्ता स्वीकर कर एक दूसरे का जीवन भर साथ देने का वायदा किया। आयोजकों द्वारा सभी जोड़ों को घर गृहस्थी का आवश्यक सामान उपहार स्वरूप भेंट किया। इस विवाह सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली सरकार में समाज कल्याण मंत्री संजीव कुमार, विधायक विजेन्द्र गर्ग, हांस्य कवि सुरेन्द्र शर्मा, जिला पुलिस आयुक्त परमादित्य,एसीपी अभिषेक दहिया और संस्था महासचिव एस एस मारवाह प्रमुख रूप से उपस्थित थे। 

इस विवाह सम्मेलन में दिल्ली एपसीआर सहित अन्य स्थानों की युवक-युवतियां विवाह आए थे। कार्यक्रम की दोपहर 3 बजे शुरू हुआ और इसकेेे बाद परिणय सूत्र में बंधे जोडों के रिश्तेदारों व संबंधियों को सामूहिक भोज दिया गया। शाम को आयोजित भजन संघ्या में वृदावन से आये हरे रामा हरे कृष्णा मंडली, मशहूर सूफी गायक निजामी ब्रादर्श और मोहित चोपड़ा सांई भजन और राधा कृष्ण रास ने मनमोह लिया। 
संस्था के महासचिव एसएस मारवाह ने सभी मेहमानों का औपचारिक स्वागत किया और शुभ कामनाएं दी। उन्होंने कहा कि समाज की सेवा करना ही हमारा प्रथम मनोरथ है। समाज के प्रत्येक वर्ग की निष्काम सेवा कर उसके उत्थान में योगदान देना है। अर्थिक रूप से कमजोर जोडों का परिणय सूत्र में बांधना भी अनेक मकसदों में से एक है। संस्था कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए पढ़ाई के साथ-साथ मूल्याधारित शिक्षण के लिए भी मदद करती है। 
संस्था के महासचिव एसएस मारवाह ने बताया, संस्था 15 सालों से समाज सेवा में जुड़ी हुई है लेकिन विगत चार साल पूर्व से ही संस्था ने सामूहिक विवाह करने के बाद इस साल 51 जोडो तक संख्या पहुंची। अगले वर्ष उनका इरादा 61 जोड़ों को सम्मानित करने का है। उनका मकसद गरीब जोड़ों का घर बसाना है। 
संस्था दिसंबर में शहीद भगत सिंह का जन्म दिन (बौद्धा गार्डन पर) मनायेगी। लोगों को सुनहरी पगड़ी पहनायी जाएगी। समय समय पर संस्था सर्वधर्में के मुख्य त्यौहारों को पूरे उत्साह से मानने के पीछे हमारा मकसद सभी धर्मो को एक मंच पर लाना है। वह स्कूल और कालेजों में पढ़ाने वाले गरीब छात्रों को हर वर्ष वजीफा देते हैं। श्री मारवाह ने कहा उनका बचपन बेहद गरीबी में बीता। खाने को नहीं होता था। खुद की शादी करने में बहुत परेशानियां आयी थी इसलिए उन्होंने आर्थिक रूप से कमजोर युवक-युवतियों की मदद करने का इरादा बनाया। उनकी संस्था की पांच सदस्यीय कमेटी जोड़ों का चयन करती है। इस बार 80 आवेदन आये थे। अखबारों में विज्ञापन और विभिन्न संस्थायों के माध्यम से गरीब जोड़ों के बारे में उन्हें जानकारी मिलती है।