‘ है अपना दिल तो आवारा ’ मोन्जॉय मुखर्जी निर्देशक बने

-प्रेमबाबू शर्मा

साठ के दौर हीरो जॉय मुखर्जी जिन्हें हम लव इन शिमला , फिर वही दिल लाया हूँ , शागिर्द , लव इन टोकियो जैसी सुपरहिट फिल्मों के जरिये आज भी याद करते हैं । वे अब फिल्मी दुनिया को अलविदा कह चुके हैं वैसे देखा गया है कि फिल्म हीरो भी अपने पुत्र को परदे पर हीरो के रूप में ही देखना चाहते हैं ।
उनके बड़े बेटे मोन्जॉय मुखर्जी अपने पिता के नाम को सिने इतिहास में सदा जिंदा रखने के लिए जॉय मुखर्जी फिल्म्स बैनर स्थापित बतौर निर्माता निर्देशक के रूप में हिंदी फिल्म है ‘अपना दिल तो आवारा’का निर्माण किया हैै।यह फिल्म लाइट कॉमेडी , रोमान्स , इमोशन और लाजवाब संगीत के साथ 5 अगस्त को रिलीज होने जा रही है ।

इस फिल्म में मोन्जॉय ने ऑल इंडिया ऑडिशन के जरिये नई प्रतिभाओं को ब्रेक दिया है। न्यूकमर साहिल आनंद , विक्रम कोचर , निलेश लालवानी , हैरी तांगड़ी , नियति जोशी , दिव्या चैकसे , जयका याग्निक के साथ विदेशी चेहरे सारा और जारा डुकाटी ने एड फिल्म , टी वी व मॉडलिंग में अपनी पहचान बनाई है ।
फिल्म वर्तमान हालातों और मानवीय रिश्तों को लेकर चल रहे कन्फ्यूजन पर आधारित है। बतौर निर्देशक मोन्जॉय ने इस फिल्म में दिखाने की कोशिश किया है ।

स्त्री पुरुष के रिश्तों की गहराई ,भावनात्मक सम्बन्ध , प्रेम ,मिलन व जुदाई को मोन्जॉय ने बहुत करीब से समझने की कोशिश की है उसी अनुभव को वे रुपहले परदे पर दिखाने जा रहे हैं । अब तक मोन्जॉय अनेक देशों का भ्रमण कर चुके हैं और यूरोप में कुछ साल रहते हुए देश विदेश की स्त्री पुरुष की मानसिक स्थिति को गंभीरता से परखते रहे ।उन्होंने यह भी देखा कि मॉडर्न युवा में शादी ब्याह को लेकर इंसिक्युरिटी फिलिंग है जिसके कारण युवा लिव इन रिलेशनशिप को ज्यादा महत्त्व देने लगे हैं । लिव इन में लड़कियाँ समाज में प्रत्यक्ष रहना चाहती है लेकिन लड़के इस रिश्ते को छुपाना पसंद करते हैं । चूँकि उनकी संगीत और लेखन में गहरी रूचि है और फिल्मी परिवार से भी सम्बन्ध रखते हैं इसीलिए उन्होंने मॉडर्न रिश्तों पर आधारित फिल्म बनाने के लिए सोचा ।