गणेश उत्सव में देंगे ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ का संदेश


-प्रेमबाबू शर्मा


‘‘दिल्ली के राजा’’ श्री गणपति महाराज के नाम से विश्व विख्यात श्री गणेश उत्सव के पावन पर्व पर गणेश चतुर्थी पूजा एवं शोभायात्रा के माध्यम से आपसी भाईचारा और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का संदेश दिया जाएगा। ंइसके अलावा दिव्यांग बच्चों को प्रोत्साहित किया जाएगा। यह आयोजन श्री गायत्री नवयुक मंडल (रजि) की ओर से राष्ट्रीय राजधानी के रमेश नगर में 5 से 15 सितम्बर तक आयोजित किया जायेगा।
आयोजन समिति के अध्यक्ष सरदार मनदीप सिंह ने बताया कि इस उत्सव से सभी वर्गों एवं धर्मो के लोगो में आपसी भाई चारा बढ़ता है। यह गणेश उत्सव श्री बाल गंगाधर तिलक के सन्देश को आगे बढ़ाने का एक प्रयास है। आयोजन समिति के महामंत्री श्री राजन चड्ढा ने कहा, ’’धरती का श्रृंगार वृक्ष लगायें बार-बार, गौ सेवा एवं सुरक्षा ही हमारे जीवन को करेगी साकार।’’
उत्सव आयोजन समिति के सदस्य श्री हर्ष बंधू ने बताया कि 19 वर्षों से श्री गणेश उत्सव में गणेश जी की भक्ति से जुड़े सभी धर्म के लोग आपस में मिलजुल कर आपसी भाई-चारे एवं श्रद्धा के साथ बड़ी धूम धाम से इस उत्सव को मनाते है। 
आयोजन समिति के कोषाध्यक्ष श्री दीपक भारद्वाज ने कहा कि इस उत्सव में बहुत सारे लोग दिल्ली एनसीआर के अलावा अन्य राज्यांे से भी आते हैं। जहा पिछले वर्ष दस दिवसीय इस उत्सव में साढ़े चार लाख लोग आये थे वही इस वर्ष पांच से साढ़े पांच लाख लोगो के आने की संभावना है।
इस साल ‘‘दिल्ली के राजा’’ गणेष चतुर्थी का मुख्य उद्देश्य ‘‘बेटी बचाओ’’ है। इस बार गणेश उत्सव के माध्यम से लोगों में ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ का सन्देश देने का प्रयास किया गया है। बेटी नहीं बचाओगे तो बहू कहाँ से लाओगे अगर बेटी नहीं बचाओगे तो मेडल कहां से लाओगे। आज की बेटियां हर क्षेेत्र में अपनी एक अलग पहचान बना चुकी है। बेटियां समाज पर बोझ नहीं है – हमें ये कार्य आगे बढ़ाना है और घर-धर तक तक पहुंचाना हैं। बेटियांे को बचाना है, पढ़ाना है और आगे बढ़ाना हैं।
इस कार्यक्रम के दौरान अनेक धर्म गुरुओं एवं संतों का पदार्पण होगा जिनमें मुख्य तौर पर श्री कामाख्या शक्ति पीठ के महामंडलेश्वर श्री श्री 1008 अनंत विभूषित जगतगुरु पंचानंद गिरी जी महाराज, प्रयागराज पीठ के शंकराचार्य ओंकारानंद सरस्वती जी महाराज, विश्व विख्यात गुरुदेव जी डी वशिष्ठ जी एवं परम श्रद्धा श्री सच्चिदानंद जी महाराज के वचनों से कार्यक्रम का आयोजन आगे बढ़ाए गए इन सभी संतो व कर्मकांडी ब्राह्मण आचार्य मुरलीधर शर्मा जी एवं अन्य विद्वान आचार्य द्वारा पूजन यज्ञ सहस्त्रार्चन आरती एवं श्रृंगार, पूजा सम्पन्न हो गई।
कार्यक्रम में भजन संध्या के लिए विभिन्न शहरों से विश्व विख्यात भजन गायक प्रतिदिन भजन संध्या का कार्यक्रम करेंगे जिसमे गायक लखविंदर सिंह लक्खा, भगवत किशोर, मास्टर सलीम, अमरजीत सिंह बिजली, उस्ताद हमसर हयात निजामी, पंकज राज, नुरान सिस्टर, सुश्री इंदु खन्ना, लता परदेसी, जॉनी सूफी मास्टर,बृजवासी ब्रदर्स, हेमंत बृजवासी भजन प्रस्तुति देगें।
इस दौरान 12 सितम्बर को महाराज चित्र विचित्र, विक्की सुनेजा और प्रियवंशी के नृत्य संगीत द्वारा भक्तों का मन मोह लेंगे। इस कार्यक्रम में प्रतिदिन दोपहर दो से छह बजे तक आठ से चैदह सितम्बर तक आचार्य त्रिपुरारी श्री श्रीमद भगवत ज्ञान कथा का आयोजन होगा।
5 सितंबर विशाल शोभायात्रा में पहली बार मुंबई से संकल्प बैंड के द्वारा स्त्री एवं पुरुष कलाकारों के द्वारा शोभायात्रा में लावणी हिसार प्रस्तुत किया जाएगा। इसके अलावा भांगड़ा, डांडिया, कथकली एवं हरि नाम कीर्तन का आयोजन होगा।
कार्यक्रम के दौरान चिकित्सा शिविर भी आयोजित की जाएगी जिसमें जरूरतमंद लोगों को निःशुल्क परामर्श, चश्मे, दवाइयां एवं प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई जाएगी।
साल दर साल बढ़ते-बढ़ते यह कार्यक्रम एक विशाल आयोजन का रुप ले चुका आयोजन समिति के उपाध्यक्ष सरदार सरबजीत सिंह ने कहा ‘कि गणपति जी की विशाल प्रतिमा हर वर्ष मुंबई से लाई जाती है और बड़े ही प्रेम भाव से 10 – 12 दिन तक उनका श्रृंगार किया जाता है एवं श्री गणेश चतुर्थी के दिन एक भव्य शोभा यात्रा नगर भ्रमण करते हुए गणेश जी महाराज को उत्सव स्थल पर लाकर उनका आवाहन किया जाता है एवं स्थापना की जाती है जो कि विद्वान आचार्यों द्वारा संपन्न कराई जाती है। बड़े ही हर्षोल्लास प्रेम और भाई चारे के बीच इस कार्यक्रम में हिंदू, सिख एवं मुसलमान भाइयों का भी सहयोग रहता है।
उत्सव समिति के उपाध्यक्ष श्री कमल पाहुजा ने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमारे एरिया की एक पहचान स्थापित हुई है आज ‘दिल्ली का राजा’ की दिल्ली में एक अलग सी पहचान बन चुकी है।
श्री गायत्री नवयुक मंडल (रजि) द्वारा आयोजित उत्सव को सफल बनाने में समिति के सभी सदस्यों – सर्वश्री रमेश आहुजा (मुख्य संरक्षक), रमेश पोपली, राजेश वाधवा, राजेश चोपड़ा, वीरेंदर बब्बर , राज कुमार लाम्बा (पार्शद), विमल भयाना, राज कुमार खुराना, राजन भरारा, गुलशन ढींगरा , अशोक कुमार मग्गो, इंदरजीत सिंह घई, हितेश पाहुजा, गुलशन वीरमणि, संदीप भारद्वाज , का सहयोग मिला।