हर रात मौत से सामना, सांस लेना हुआ दूभर

आर डब्लू ए गांव बरवाला के अध्यक्ष दयानंद वत्स ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर उनसे बरवाला के हजारों ग्रामीणों को जहरीले धुंए से बचाने की गुहार लगाई है। श्री वत्स ने बताया कि दिल्ली का बरवाला गांव पिछले एक साल से हर रात गैस चैम्बर में तब्दील हो जाता है। रोहिणी हेलीपोर्ट से कुछ ही दूरी पर पूठखुर्द गांव के लालडोरे में स्थित 300गज के प्लाटों में अवैध रुप से चलाई जा रही प्रतिबंधित औधौगिक इकाइयों की भट्ठियों से निकलने वाले रासायनिक धुंए से बरवाला गैस चैम्बरमें परिवर्तित हो गया है। रात 10बजते ही फैकटरियों की भट्ठियां धुंआ उगलना शुरु कर देती है। जिसके कारण सांस लेना भी दूभर हो गया है। बदबू और जहरीले धुएं से लोग बीमारियों से जूझ रहे है। समस्या की भयावहता को देखते हुए डीसी नार्थ वैस्ट, क्षेत्रीय एस डी एम को लिखा गया। ग्रामीणों ने सडक पर जाम भी लगाया। क्षेत्रीय एस.डी.एम ने कार्यवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया लेकिन धुंआं उगलने वाली अवैध फैकटरियों के खिलाफ आज तक कोई एकशन नहीं लिया गया। यहां रबर, टायर फूंके जा रहे है। दमघोटू वातावरण से जीना दूभर हो गया है।

मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल ओर उप-मुख्यमंत्री श्री मनीष सिसोदिया जी को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक इन प्रदूषण फैला रही फैक्टरियों को बंद नहीं कराया गया है। बरवाला गांव विश्व का सर्वाधिक प्रदूषित गांव बन गया है। रासायनिक धुंऐं से लोगों की आंखों में जलन, खांसी, अस्थमा जड जमा चुके हैं। मैं स्वयं भी हर रोज इस भयावह समस्या से जूझ रहा हूं। हैरानी इस बात की जिन एजेन्सियों पर कार्यवाई करने की जिम्मेदारी है वे जानकर भी अनजान बने हुऐ हैं। समूचा रोहिणी, पीतमपुरा क्षेत्र भी इससे प्रभावित है।
सरकार का ध्यान केवल खेतों में जलाई जा रही पराली, वाहनों से निकलने वाले धुंए पर है। लेकिन अवैध रुप से रात को चलाई जा रही फैक्टरियों की और किसी का ध्यान नहीं है।