सडक सुरक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएः दयानंद वत्स

अखिल भारतीय स्वतंत्र पत्रकार एवं लेखक संघ के तत्वावधान में आज रोहिणी स्थित संघ के मुख्यालय बरवाला में संघ के राष्ट्रीय महासचिव दयानंद वत्स की अध्यक्षता में 28वें सडक सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर जागरुकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में बोलते हुए श्री वत्स ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकारों को सडक सुरक्षा के लिए अपनी प्राथमिकताऐं तय करने की दिशा में कदम उठाने की आवश्यकता है। भारत में भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर की सडकों के निर्माण, डिजाईन और उनकी गुणवत्ता ओर देखरेख सुनिश्चत करने के कार्य को प्राथमिकता की सूची में रखना होगा। देश भर की खराब सडकों और उनमें पडे गड्ढों, ओवरलोडिंग के कारण ही हर साल होने वाली प्राणघातक सडक दुर्घटनाओं में हजारों लोग मारे जाते हैं। करोडों रुपयों के जान माल की हानि हर वर्ष होती है। फिर भी हम विश्वस्तरीय सडकें नहीं बना पाए हैं। यह बहुत ही चिन्ता का विषय है कि हमारे देश में पैदल चलने वालों के लिए भी जगह नहीं है। फुटपाथों पर अतिक्रमण के चलते राहगीर सडक पर चलने को मजबूर हैं। लोग सडक सुरक्षा के नियमों की अनदेखी करते हैं। 

श्री वत्स ने कहा कि ऐसे में सडक सुरक्षा की जागरुकता के लिए एक सप्ताह पर्याप्त नहीं है। पूरे साल स्कूलों, कालेजों और.आम जनता में जन-जागरुकता फैलाने की आवश्यकता है।


सडक सुरक्षा को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाना चाहिए। सडकों पर दौड रहे करोडों वाहनों की फिटनेस पर विशेष निगरानी भी सडक सुरक्षा में शामिल की जाए। राजधानी दिल्ली में ही जिस प्रकार सडक सुरक्षा के नियमों की खुलेआम धज्जियां उडाई जा रही हैं वह निश्चित ही बेहद चिंतनीय बात है।