इंडिया हेबिटेट सेंटर की ओपन पाम कोर्ट गैलरी में “इम्पल्स” चित्रकला एवं मूर्तिकला की प्रदर्शनी का भव्य उदघाटन विश्वविख्यात मूर्तिकार पद्मभूषण श्री राम वी. सुतार ने किया।

इंडिया हेबिटेट सेंटर, लोधी रोड, नई दिल्ली की ओपन पाम कोर्ट कला दीर्घा में सोमवार को “इम्पल्स” शीर्षक से वरिष्ठ चित्रकार रूपचंद, नवल किशोर, आनन्द नारायण व मूर्तिकार नमन महिपाल की कलाकृतियों की प्रदर्शीनी का शुभारम्भ हुआ। इस कला प्रदर्शनी को क्युरेट प्रसिद्ध कला पारखी व एलूअर आर्टस के संस्थापक उमेश सोईन के पुत्र निपुण सोइन ने किया है ! प्रदर्शनी का उदघाटन विश्वविख्यात मूर्तिकार व आईफेक्स के अध्यक्ष पद्मभूषण श्री राम वी. सूतार, मशहूर चित्रकार व ललित कला महाविद्यालय दिल्ली के पूर्व प्रधानाचार्य प्रोफेसर नीरेन सेन गुप्ता, प्रसिद्ध शिक्षाविद व आर्ट ऑफ गिविंग फॉउंडेशन के चेयरमैन श्री दयानन्द वत्स एवं एन. एस. डी. सी. के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर जयन्त कृष्णा द्वारा किया गया ! 

यह कला प्रदर्शनी 6 अगस्त तक रोजाना प्रातः 11 बजे से शाम 7 बजे तक देखी जा सकेगी ! इस अवसर पर देश की कई प्रमुख हस्तियों ने शिरकत की जिसमें प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. आर. के धमीजा, मुंबई के कला विशेषज्ञ श्री अभिषेक बच्चन व्यवसाई राकेश अरोड़ा, प्रख्यात चित्रकार सुदीप रॉय, प्रिंस चाँद, हेना चक्रवर्ती, संजय सोनी, साबिया, शुशांक कुमार, नीरज शर्मा, रेनू खेड़ा, अनुराधा ऋषि, पूनम कोहली, शम्भूनाथ गोस्वामी, ईरम खान, दलीप चँदोलिया, महमूद अहमद, सुनील दत्त ममगईं, प्रसिद्द कार्टूनिस्ट उदय शंकर, प्रसिद्द संगीतकार सुरेन्द्र कान्त शर्मा, सुनीता मेहता, स्नेह भारद्वाज, सुनील कुमार, हिमांशु मान, नितिका बब्बर, अमन आनंद, अवि शर्मा तथा रूपचन्द इंस्टीट्यूट ऑफ फाइन आर्ट व् कई अन्य कला संस्थानों के विद्यार्थियों ने भी शिरकत की । अपने संबोधन में ऑर्ट ऑफ गिविंग फॉउंडेशन के अध्यक्ष श्री दयानंद वत्स ने कहा कि सभी चित्रकारों ने वर्तमान , अतीत ओर भविष्य की अपनी परिकल्पनाओं को रंगों से साकार किया है। दर्शकों एवं मुख्य अतिथियों ने अपने वक्तव्य में चारों कलाकारों की बनाई कलाकृतियों की बहुत प्रशंसा की। 
पिछले दिनों यूरोप के पांच देशो में अपनी कलाकृतियों की प्रदर्शनी करके आए चित्रकार रूपचंद की काले रंगो व कहीं लाल रंग के स्पॉट की कलाकृतियां दर्शकों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। केनवस पर एक्रिलिक रंगो के माध्यम से प्रकृति की विभिन्न छठा को सिर्फ दो रंगो में रूपचन्द ने खुबसुरती से उकेरा है। जाने माने चित्रकार नवल किशोर की कलाकृतिया लोक जीवन के साथ मानवीय संवेदनाओं को छूती हैं। चटक रंगों का बखूबी संयोजन दर्शकों को दूर से ही खींचता है। जहाँ आनंद नारायण के प्राकृतिक एब्स्ट्रेक्ट लैंडस्केप इस प्रदर्शनी की शोभा बड़ा रहे हैं वहीँ कलाकार नमन महिपाल के उत्कृष्ठ मूर्तिशिल्प भी यहाँ प्रदर्शित हैं, जिसमे इन्होने कई नए नए प्रयोग किये हैं जिसमें लकड़ी, स्टील के पतले पतले टुकड़े आदि शामिल हैं। ये सभी कलाकृतियां बिक्री के लिए भी उपलब्ध हैं। जिन्हे खरीदकर आप अपने निवास स्थान ऑफिस व् किसी भी संस्थान पर लगा कर वहां की शोभा बड़ा सकते हैं।