रजनी
स्त्रियाँ सज धज कर, उपवास रख कर पूरे हर्षौल्लास के संग माँ गौरी और भगवान शंकर जी की आराधना करतीं हैं तथा परिवार की सुख समृद्धि की कामना करतीं हैं.
तीज के दिन महिलाऐं नई चूड़ियाँ पहनती हैं, मेहँदी लगाती हैं, लाल पीले हरे वस्त्र पहनती हैं, झूला झूलती हैं, नाचती गाती हैं. परिवार के लिए विभिन्न पकवान बनाती हैं.
माँ बाप सिन्धारे के रूप में अपनी बेटी के घर नए कपडे, गहने और पकवान जैसे घेवर, गुझिया आदि भेजते हैं. इस तरह तीज का पर्व आस्था, उल्लास और प्रेम का प्रतीक है जिसे शंकर भगवान और माँ पारवती के मिलन स्वरुप मनाया जाता है.