निगम पार्षद की अनदेखी से शहीद ढींगरा पार्क में बदहाल संगीतमय फाउंटेन


अशोक कुमार निर्भय

उत्तर भारत का पहला और उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अंतर्गत करोलबाग जोन के वार्ड -99 मोतीनगर में स्थित पहला संगीतमय फाउंटेन आज बदहाल हो चूका है। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के अंतर्गत इस संगीतमय फाउंटेन का उद्धघाटन करके जनता क समर्पित किया था। ईस्ट पंजाबी बाग के शहीद ढींगरा पार्क में यह संगीतमय फाउंटेन था। इसकी आज बदहाली वर्त्तमान निगम पार्षद भारत भूषण मदान की वजह से भी है क्योंकि उन्होंने पार्षद बनने के बाद कभी कोई प्रयास इस फाउंटेन को चालू हालत में रखने के लिए नहीं किया। तत्कालीन समय में करोड़ों की लागत से तैयार इस संगीतमय फाउंटेन को बचाए रखने में निगम के इलेक्ट्रिक विभाग और अधिशासी अभियंताओं ने चालू नहीं होने के बावजूद खूब चूना नगर निगम के खजाने को लगाया। प्राप्त जानकारी के अनुसार निगम ने कभी बिजली का बिल नहीं दिया तो बिजली काट दी गयी। बिजली नहीं होने से यहाँ संगीत और फाउंटेन दोनों बंद हो गए। वित्तीय भोझ बढ़ता रहा और यह संगीतमय फव्वारा बदहाल होता गया। 

आज स्थिति यह है की इसकी मरम्मत तक नहीं हो सकती। क्षेत्रीय जनता यहाँ के निगम पार्षद भारत भूषण मदान को भी इसकी बदहाली का जिम्मेदार मानती है क्योकि वह इस पार्क में सेर करने न आकर पंजाबी बाग़ क्लब में सैर के लिए जाते हैं तो ऐसे में वह सुध ले भी तो कैसे ? प्राप्त जानकारी के अनुसार इस संगीतमय फाउंटेन में 2 मोर्टर 15 हॉर्स पॉवर, 2 मोर्टर 10 हॉर्स पॉवर,1 मोर्टर 5 हॉर्स पॉवर की लगी थी। इसमें 8 स्पीकर और बूफर एवं 2 एम्लीफायर लगाये गए थे जिनका नामोनिशान लगभग मिट सा गया है। इस पहले संगीतमय फाउंटेन में कम्यूटर कंट्रोल म्यूजिक सिस्टम और एक एयरकंडीशन भी लगा है.इसमें एक बार में 30 से 40 किलो वाट बिजली की खपत होती है। आज यह फाउंटेन बदहाल स्थिति में पहुंच चूका है। वैसे इसकी जिम्मेदारी अधिशासी अभियंता करोलबाग़ जोन और क्षेत्रीय निगम पार्षद की बनती है लेकिन यह दोनों ही अपनी जिम्मेदारी को निभाने में नाकाम रहे हैं ? गौरतलब है की इसी पार्क के बिजली के पैनल बोर्ड खुले पड़े हैं जिससे करंट लगने का खतरा बरकार रहता है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों की धज्जियां उड़कर भूजल शोधन करके पार्क में पानी दिया जा रहा है जबकि ट्रीटमेंट वाटर का प्रयोग होना चाहिए इसके लिए उद्यान विभाग और क्षेत्र का चुना निगम प्रतिनिधि जिम्मेदार माना जाना चाहिए ऐसा क्षेत्र की जनता का कहना है। बहराल इस संगीतमय फाउंटेन का संगीत और फव्वारा भले बंद हो गया हो लेकिन वर्तमान निगम पार्षद के कानों में चापलूसी संगीत और पैसे की बारिश का फव्वारा अभी भी चल रहा है।