चिंता की कोई बात नहीं है, यहाँ कुछ उपाय बताए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आप बरसात में तैयार रहें और आपकी बच्ची वर्षा के अनुसार दुरुस्त रहे, जिससे उसे बरसात के दौरान शाला जाने में कोई चूक न हो|
1. वर्षा से बचाव के साधनों को एकत्रित करना: यह उत्तम होता है कि बरसात पूरे आवेश में आए, उसके पहले ही उससे बचाव के सभी साधन तैयार रहें| अपनी बालिका के लिए अच्छे रेनकोट, छत्री व जूतों के लिए निवेश करें| यह सुनिश्चित करें कि वह इनके बगैर घर न छोड़े|
2. आपकी बालिका के शाला के सामान को संरक्षित करना: आपकी बच्ची की पाठ्यपुस्तकें, कापियाँ आदि बरसात में गीली हो सकती हैं, जिससे वे खराब हो जाएँगी| शाला के बैग में रखने के पहले उन्हें एक प्लास्टिक बैग में रखें| इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि वे बरसात से संरक्षित रहेंगी|
3. तरबतर होने पर प्राथमिक-मदद: बच्चे बरसात में सराबोर होना पसंद करते हैं| यद्यपि यह मौके पर ठीक रहता है, लेकिन इससे बच्चे बीमार भी हो सकते हैं| यदि आपकी बच्ची बरसात में गीली हो जाती है, तो उत्तम यही होगा कि उसे पहले सूखा हो जाने दें और फिर उसके कपड़े तुरंत बदलना सुनिश्चित करें| साथ ही बरसात में फफूंद के संक्रमण की जोखिम भी रहती है, अतः यदि सुनिश्चित करें कि आपकी बच्ची सूखी व स्वच्छ रहेगी जिससे उसे न्यूनतम किया जा सके|
4. सही आहार लेना: वर्षाऋतु वह समय होता है, जब आहार व जल आसानी से प्रदूषित हो जाते हैं तथा उस वजह से बच्चे बीमार हो जाते हैं| अतः यह महत्वपूर्ण है कि आपकी बच्ची वही जल ले जो शुद्ध व निरापद हो|घर पर तैयार भोजन को न छोड़ें और यह उत्तम रहेगा कि बाहर से खरीदे गए, विशेष रूप से गली के आहार से दूर रहें| अतः इसका अर्थ हुआ कि जब तक वर्षाऋतु समाप्त नहीं हो जाती है, तब तक गली के विक्रेता से पानी-पूरी, चाट, वडा पाव आदि के लिए सख्त रूप से इंकार|
5. कीटाणुरहित होना: बरसात के दौरान पानी का भराव एक सामान्य दृश्य होता है, जिससे कीटाणु आसानी से सफ़र करते हैं| चूंकि वयस्कों की तुलना में बच्चे संक्रमण के प्रति अधिक ग्रहणशील होते हैं, इसलिए उन्हें स्वच्छ करना या उन्हें साफ़ व कीटाणुरहित रखना प्राथमिकता हो जाती है| अपनी बालिका को गर्म पानी से स्नान करा कर तथा उसमें कीटाणुनाशक मिला कर आप ऐसा कर सकती हैं| साथ ही यह सुनिश्चित करें कि बरसात के दौरान आप घर को स्वच्छ व कूड़ा-कर्कट व गंदगी से मुक्त रखती हैं| इस मौसम में मच्छरों का भी बड़ा उपद्रव रह सकता है| अतः मास्किटो-रिपेलेंट्स, क्वाइल्स, क्रीम्स, मेट्स व मच्छरदानियों [इन सब में सर्वाधिक सुरक्षित] से सज्ज रहें|
6. प्रतिरोध क्षमता निर्मित करें: प्रतिरोध क्षमता हमारे शरीर की वह शक्ति है, जिसके द्वारा बीमारियाँ दूर रहती हैं| चूंकि वर्षाऋतु के दौरान कीटाणु व बीमारियाँ वृद्धि पाती हैं, इसलिए हमला करनेवाले किसी भी प्रकार के संक्रमण व बीमारी से संघर्ष करने हेतु आपकी बच्ची की प्रतिरोध क्षमता एक कदम आगे ही होना चाहिए| ऐसा करने के लिए आपकी बच्ची को पोषक तत्वों से, विशेष रूप से विटामिन सी जैसे कि संतरे, पपीते व टमाटर से भरपूर आहार दें|
7. बरसात की किट को तैयार रखना: बरसात की किट संकटकाल के लिए हो सकती है अतः आपकी बच्ची को जब भी सर्दी, खाँसी या बरसात से संबंधित कोई भी बीमारी हो जाए, तब कभी भी किट की शरण में जाएँ| इसे दवाईयों, पोषक अनुपूरकों, बाम व सायरपों से भरा रखें| यह मालूम करने के लिए कि आपके पास कौनसी दवाईयाँ व अनुपूरक होने चाहिए, उसके लिए यदि जरूरी हो तो आपके बाल-रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें| इससे यह सुनिश्चित हो जाएगा कि आपकी बच्ची को बिना किसी देरी के सही वक्त पर सही औषधियाँ दी जा रही हैं|
8. पर्याप्त गतिविधि प्राप्त करना: आपकी बच्ची को उन गतिविधियों की जरूरत है, जो उसे व्यस्त रखे और उसकी ऊर्जा को मार्ग दें| बरसात में बाहर खेलने की संभावना नहीं रह सकती है| ऐसे समय के लिए यह उत्तम होगा कि आपकी बच्ची के लिए आयोजित आपके पास घर के अंदर खेले जानेवाले खेल या गतिविधियाँ हों|इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपकी बच्ची केवल टेलीविजन व वीडियो गेम्स से चिपकी नहीं रहेगी|
अतः आराम से कुर्सी पर बैठें और अपनी बच्ची के साथ इस मनोहर मौसम का आनंद उठाएँ, क्योंकि उसके साथ आप उसके लिए बरसात के कुछ अविस्मरणीय पलों का सृजन कर सकती हैं, जिन्हें वह बड़ा होने पर याद कर सके|