दुनिया भर में बेहतर और अधिक सुरक्षित सड़क यातायात के लिए काम करने वाली जिनेवा की संस्था इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) ने संसद में संशोधित मोटर वाहन अधिनियम पारित होने और उसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने का स्वागत किया है। संस्था मानती है कि विधेयक में भारी जुर्माना राशि के प्रावधान होने से यातायात के नियमों का अधिक पालन होगा और देश में सड़क दुर्घटनाएं कम होंगी।
इंटरनेशनल रोड फेडरेशन (आईआरएफ) अवकाश प्राप्त अध्यक्ष श्री के के कपिला ने आज एक बयान में कहा, “इस समय दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों में 12 प्रतिशत से अधिक भारत में होती हैं। भारत की सड़कों पर हर वर्ष 5 लाख से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं और लगभग 1.47 लाख लोगों की मौत होती है। वाहन दुर्घटनाएं देश में युवाओं और बच्चों की मौत का भी बहुत बड़ा कारण हैं। मोटर वाहन संशोधन विधेयक में भारी जुर्माने का प्रावधन है, जो दुनिया भर में यातायात कानूनों का पालन कराने का प्राथमिक जरिया है। भारत में बेहतर सड़क सुरक्षा का कानूनी ढांचा मजबूत करने की दिशा में यह अहम कदम होगा।”
श्री के के कपिला ने कहा, “यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने को दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने का प्रभावी तरीका माना जाता है। साथ ही जुर्माने से मोटर वाहन के कारण होने वाली कम घातक दुर्घटनाओं में भी कमी आती है। मोटर वाहन अधिनियम में यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए कैमरे की मदद लेने और भारी जुर्मान लगाने के प्रावधानों से नियमों का अधिक पालन होगा और भ्रष्टाचार भी कम होगा।”
उन्होंने कहा, “जुर्माने के नए प्रावधानों में बच्चों द्वारा गाड़ी चलाए जाने, शराब पीकर गाड़ी चलाने, बहुत तेज रफ्तार में गाड़ी चलाने और तय सीमा से अधिक वजन ढोने जैसे अपराध शामिल किए गए हैं। हेलमेट के बगैर बाइक चलाने पर भी पहले से अधिक जुर्माने का प्रावधान है। सड़क का इस्तेमाल करने वालों के व्यवहार को नियंत्रित करने के प्रावधानों के कारण भारत में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत तथा चोटों में कमी आएगी।”
श्री कपिला ने कहा, “विधेयक देश में ड्राइविंग लाइसेंस प्रदान करने की खराब व्यवस्था को सुधारने में भी मदद करेगा क्योंकि इसमें तकनीक का अधिक प्रयोग होगा तथा परीक्षा लेने वाले से अभ्यर्थी सीधे नहीं मिलेगा, पूरे परीक्षण की रिकॉर्डिंग होगी और हमारे पास अधिक प्रशिक्षित ड्राइवर होंगे। जहां तक भारी मोटर वाहनों के चालकों की बात है तो उन्हें हर दो साल में परीक्षा देनी होगी। यदि कोई ड्राइवर के तौर पर फिट नहीं है तो उसे प्रशिक्षण लेकर लौटना होगा। इस तरह कुछ अरसे बाद हमारे पास केवल अच्छी तरह प्रशिक्षित ड्राइवर ही होंगे। दोबारा परीक्षा लेने की यह कवायद मोटर वाहन चलाने वाले सभी ड्राइवरों के लिए करनी होगी। छोटे मोटर वाहन श्रेणी में आने वाले वाहनों के ड्राइवरों के लिए यह अवधि बढ़ाकर 3 से 5 वर्ष की जा सकती है।”
श्री कपिला यातायात बुनियादी ढांचे पर फिक्की की राष्ट्रीय समिति के को-चेयरपर्सन भी हैं। उन्होंने कहा, “सड़क डिजाइन करने, बनाने, इंजीनियरिंग तथा रखरखाव की सुविधा प्रदान करने वाली कंपनियों के लिए भी सख्त जुर्माने के प्रावधान से सड़कों में शामिल सभी लोग अधिक सतर्क तथा सावधान हो जाएंगे। हां, सरकारी अधिकारियों और ठेकेदारों की जवाबदेही तय करना भी संभव है।”
उन्होंने कहा, “मोटर वाहन संशोधन विधेयक देश में सड़क सुरक्षा सुधारने के लिए कानूनी ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम है। विधेयक पारित होने से देश में सड़क सुरक्षा से संबंधित विधायी ढांचे की बड़ी खामियां दूर करने में मदद मिलेगी। संयुक्त राष्ट्र ब्रासीलिया घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के कारण भारत 2020 तक सड़क दुर्घटनाओं में मौतों का आंकड़ा 50 प्रतिशत तक घटाने के लिए संकल्पबद्ध है।”