पिछले दिनों हमारे सम्पादक एस. एस. डोगरा ने दक्षिण दिल्ली की महापौर सविता गुप्ता से बातचीत की। आपके समक्ष पेश हैं साक्षात्कार के विशेष अंश:
सविता गुप्ता महापौर, दक्षिण दिल्ली |
सविता जी, अपने राजनैतिक कैरियर के बारें में बताएँ ?
मैंने पिछले तीन बार लगातार निगम पार्षद का चुनाव जीता है। इसका श्रेय मेरे परिवार व मेरे क्षेत्र की जनता को जाता है, जिनकी वजह से ही मुझे जनता की सेवा करने का मौका मिला। वर्ष 2007 में मुझे सर्वोत्तम पार्षद का पुरुस्कार भी मिला। इसके अलावा दिल्ली नगर निगम के विभिन्न विभागों प्रमुख रूप से पर्यावरण, राष्ट्रमंडल खेल तथा बागवानी आदि में (चेयरपरसन) सभापति के रूप में कार्य किया।
आप किस महिला नेता से अत्यन्त प्रभावित हैं?
देश की राष्ट्रपति श्रीमति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल, सुश्री सुषमा स्वराज, सुश्री उमा भारती, सुश्री आरती मेहरा आदि से मैं प्रभावित रहीं हूँ।
जनता, क्षेत्र में एक पार्षद से क्या उम्मीद रखती है?
देखिये, जनता की रोज़मर्रा की समस्याओं जैसे सफाई व्यवस्था, पार्किंग, सामुदायिक केन्द्र, गली की लाईट, शौचालय, पार्क रखरखाव आदि से समाधान दिलाने में निगम पार्षद ही मददगार साबित होता है।
आप पारिवारिक, सामाजिक व राजनैतिक ज़िम्मेदारी को निभाने में कैसे समन्वय बरतती है?
मैंने अपने परिवार ज़िम्मेदारी को बखूबी निभाया और आज मेरा बेटा मर्चेन्ट नेवी में बतौर चीफ इंजीनियर, बेटी केम्ब्रिज स्कूल में शिक्षिका के रूप में कार्यरत हैं। मैंने अपने पति अश्वनी जी का भी खूब सम्मान किया और सेवारत हूँ। जहां तक सामाजिक व राजनैतिक ज़िम्मेदारी को निभाने की बात करें, तो आप मेरे कार्य क्षेत्र व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मेरी कार्यक्षमता के बारें में सम्पूर्ण जानकारी ले सकते हैं। आज, उन्ही की बदौलत ही मुझे दिल्ली नगर निगम के दक्षिण क्षेत्र का महापौर जैसे जिम्मेदारपूर्ण पद पर नियुक्त किया गया है। यह वास्तव में, मेरे ही लिए नहीं बल्कि पूरी महिला समाज के लिए गर्व का विषय है।
आप के दक्षिणी क्षेत्र में कितने वार्ड है?
मेरे क्षेत्र में कुल 104 वार्ड हैं।
अपनी भावी योजनाओं के बारें में बताएँ?
मैं वर्षा ऋतु से पहले नालों की सफाई व्यवस्था, आवसीय व व्यवसायिक उपलब्ध स्थलों पर पार्किंग के लिए प्रावधान, पार्कों का रखरखाव, शौच व्यवस्था, वरिष्ठ नागरिक सामुदायिक भवन में युवाओं के लिए इन्डोर व आउटडोर खेलों की व्यवस्था कायम करना, निगम के प्राथमिक स्कूलों में बैठने की सुव्यवस्था एवं कम्प्युटर शिक्षा को लागू करना प्रमुख कार्य है, जिस पर और अधिक ध्यान दिया जाएगा। मेरा तो यह मानना है कि जल विभाग पुनः डीडीए से छीनकर निगम को दे देना चाहिए ताकि लोगो को पानी के भारी-भरकम अनाप-शनाप बिल न चुकाने पड़े।
समाज में महिलाओं के योगदान पर प्रकाश डालें?
महिला तो समाज की धुरी है। जो नारी घर चला सकती है, वो देश को भी बखूबी चला सकती है। जनाब, इसमें कोई सन्देह नहीं कि महिला शक्ति ही राष्ट्र शक्ति है।