स. आनंद ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि स. जीके व स. हित के बाद में अब पार्टी के महासचिव स. चमनसिंह भी ओछी राजनीतीक चालें चलने लगे है ,उनका कहना है कि चमन सिंह की मत से जो भी नेता अब इनके आकाओं की चापलूसी करेगा वह ही असली अकाली कहलायेगा, बाकी सब नकली अकाली है । सरदार आंनद ने कहा कि सभी अकाली नेताओें जिसमें प्रकाश सिंह बादल,स.सुखबीर सिंह बादल,परमजीत सरना,तरविन्द्र सिंह मारवाह,स. जसजीत सिंह टोनी, अवतार सिंह हित ,आंैकार सिंह थापर व अन्य सभी अकाली नेताओं से अपील की कि अगर आपने अपने नाम के साथ अकाली लगाना है तो आप सभी नेताओं को पार्टी के महासचिव से अकाली होने का प्रमाण पत्र ले लेना चाहिए,नही तो यह महासचिव आपको भी नकली अकाली मानेगा।
पहले स. औलख पर पार्टी के सीनीयर नेताओं के द्वारा उन पर लाखो रूपये गबन व तीन सौ पैसठ पेटी ष्शराब हडपने का आरोप लगाया । अब उसी तरह की ओछी चालें पार्टी के महासचिव स. चमनसिंह भी चल रहे है। सरदार आनंद ने पत्रकारों से चुटकी लेते हुए कहा कि लालची प्रवृति का एक बेईमान राज मिस्त्री हमारे घर का निर्माण करते हुए घर की नींव से सीमेंट व सरिये की चोरी कर लेता है तो हमारी मेहनत की कमाई से बना घर नींव कमजोर होने के कारण गिर जाता है।
उसी प्रकार मंदबुद्वि व तंगदिल राजनितीक सोच रखने वाले नेताओं के हाथों में जब पार्टी की कमान आती है तो पार्टी टूट जाती है। आज सही मायने में अकाली दल बादल की स्थिति दिल्ली में नाजुक दौर में है।
उन्होंने पार्टी के नेताओं पर गैर जिम्मेदाराना ब्यान के बारे में कहा कि जिस प्रकार बादल अकाली दल दिल्ली इकाई के नेता अपने आप को असली व बाकी अकाली नेताओं को नकली बताने की नाकाम कोशिश कर रहे है। मेरा प्रश्न इन नेताओ से है कि किस प्रकार से एक सडक छाप गंवार राज मिस्त्री जो कि जालसाजी से संगत को गुमराह कर गुरूद्वारा साहिब का प्रधान बन बैठा और गुरू की गुल्लके लूटकर एक वरिष्ठ अकाली नेतां के आर्शीवाद से रातोंरात बिल्डर बन बैठा ।
स. आनंद ने कहा कि ऐसे नेताओं पर लगाम लगाने जरूरत है नही तो यह अकाली नेता दिल्ली से शिरोमणि अकाली दल बादल का खत्मा देगें ।