फिर भी आज हमें खुशी हुई हो रही है कि भारत में फुटबाल की लहर आ गयी है और शीध्र ही हमारी भारतीय फुटबाल टीम को उचित मुकाम तक पहुंचाने में मदद करेगा व सरकार भी इसमें अधिक घ्यान देगी तभी हम हासिल कर सकेंगे
मेरे कोच होने के नाते मैं कल जब मैंच से पुर्व जितेन्द्र से मिला तो उसने मेेरा अर्शिवाद लिया और मेंने उसके उज्जवल भविष्य की कामना की और यह देख उनकी माता जी श्रीमती हेमा देवी के आंखो में खुशी के आशूं छलक पडे कि आज उनके बेटे ने उनका मान सम्मान समस्त भारत में उन्हे गोरर्वान्वित किया है हेमा देवी ने उनके बचपन के कोच विरेन्द्र सिंह रावत को भी बधाई दी और कहा कि आपके मार्ग दर्शन से जितु इस मुकाम तक पहुची है।
जो पहला गोल हुआ और जो पैनंल्टी दी गयी वो नही थी अमेरिका का खिलाडी जानबुक्ष कर गिरा था और उसक फायदा उसने उठाया और रेफरी की बहुत बढी गल्ती थी उसने पैनंटी दे दी । भारतीय टीम ने अपने स्टेन्र्डढ के अनुसार सही खेली। उम्मीद करते है कि आगे के दो मैंच अच्छा खेलगी।
कोच विरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि आज जितेन्द्र सिंह का परिवार गरीबी में जीवन यापन कर रहा है व जीतू का बडा व छोटा भाई भी फुटबाल में ही अग्रसर है पिताजी योगेन्द्र सिंह बिष्ट प्राईवेट में चैकिदार है और माता हेमा देवी सिलाई का काम करती है लेकिन अभी तक राज्य व केन्द्र सरकार से अभी तक कोई भी आर्थिक सहयता प्राप्त नही हुई व किराये के मकान में जीवन यापन कर रहे है 10,000/- प्रतिमाह रू से समस्त धर का खर्चा चलता है
विरेन्द्र सिंह रावत ने बताया कि मेरे द्वारा तैयार हजारो खिलाडी निशुल्क कोचिंग देकर उत्तराखण्ड और भारत का का मान बढा रहे है मुक्षे ही आज तक उत्तराखण्ड सरकार और ना ही भारत सरकार से आर्थिक मदत मिली है कर्ज लेकर उत्तराखण्ड के खिलाडियों का भविष्य आज भी बना रहा हूं।
जबकि उनका शिष्य भारत टीम में अन्डर 17 फिफा वल्र्ड कप खेल रहा है उसके परिवार को उत्तराखण्ड सरकार एंव भारत सरकार ने आज तक कोई भी आर्थिक मदत नही कि है तो केैसे हम खिलाडियों को मार्गदर्शन देगे
अंत उत्तराखण्ड कोच ने बताया है कि अगर हमें उत्तराखण्ड सरकार और भारत सरकार आर्थिक सहयोग प्रदान करे तो उत्तराखण्ड औ र भारत कि तस्वीर बदल जायेगी फुटबाल के क्षेत्र मै।