अपर्णा सिन्हा और सृष्टि प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक अश्वमेधा का विमोचन कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया में हुआ। इस अवसर पर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष श्री सतीश उपाध्याय, थिएटर क्रिटिक व लेखक दीवान सिंह बजेली, लेखक श्री नीतीश्वर कुमार उपस्थित थे।
अश्वमेधा कहानी है अश्विन जामवाल की जो एक ईमानदार प्रशासनिक अधिकारी के रूप संघर्ष करने के बाद राजनीतिक अखाड़े में उतरता है। अपने सिद्धांतों पर अडिग रहते हुए अश्विन को राजनीति की दुनिया में श्रेष्ठता हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी। राजनीति में आठ वर्ष बिताने के बाद अश्विन भारत के प्रधानमंत्री बन जाता है। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान एक वैश्विक संकट के कारण वह एक नियंत्रित स्थिति में पहुंच जाता है और धीरे-धीरे वहां दुनिया में ‘सबसे ताकतवर इंसान’ बन जाता है। अश्विन को इस बात का ज्ञान नहीं था कि पिछले 25 वर्षों ‘हेड्स’ नामक एक व्यक्ति है जिसने उसके इर्द-गिर्द सारी घटनाएं बुनी, राजनीति में उनके प्रवेश से लेकर दुनिया भर में उनके नियंत्रण तक। कोई ऐसा था जिसने उसे शक्तिशाली बनाया, लेकिन एक बड़ा मकसद था उसे बर्बाद करना।
पूरी किताब तीन भागों में बंटी है। पहले भाग में है अश्विन जमवाल के प्रधानमंत्री पद तक पहुंच का सफर। दूसरे भाग में है विवरण उन घटनाओं का जिनसे अश्विन दुनिया का सबसे ताकतवर व्यक्ति बन जाता है। भारत की भू राजननीतिक स्थिति इसका मूल केंद्र है। किताब का आखिरी भाग घूमता है शातिर व्यक्ति के खोज के आसपास जिसमें रहस्य तब खुलता है जब अश्विन के पीछे सारी गतिविधियां नियंत्रित करने वाला व्यक्ति उससे गुप्त मुलाकात करने कहानी में उजागर होता है-जो कि होता है उसकी बर्बादी का आमंत्रण।
सतीश उपाध्याय, ने कहा कि इस शैली की किताबें लोगों को राजनीति के प्रति जागरूक करती हैं और यह पढ़ने और समझने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान युग में अंजान रहना सही विकल्प नहीं है। वहीं दूसरी ओर नीतीश्वर कुमार ने किताब की विषय-वस्तु की प्रशंसा करते हुए कठिनाइयों के बावजूद राजनीति के प्रति अधिक नैतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। किताब के विषय के बार में दीवान सिंह बजेली न¢ कहा कि विश्व राजानीति के ज्ञान में निपुण ऐसे लेखकों इस तरह के और अधिक रचनाएं प्रस्तुत करने हेतु प्रोत्साहित करना आवश्यक है, क्योंकि आज के सूचनाओं से अटी पड़ी दुनिया में हमारे जीवन को प्रभावित करने वाली बाहरी उत्तेजनाओं के बारे में जागरूक होना अत्यंत आवश्यक है।
अपर्णा सिन्हा ने कहा, “मैं अपनी पहली किताब अश्वमेधा के विमोचन पर अत्यंत प्रसन्न हूं। अवमेधा के कई संस्करण और अर्थ हैं, जहां किसी ने इसकी तुलना सूर्य और इसके तेज से की वहीं दूसरों ने इसे काफी अपमानजनक बताया। चाहे जो भी इसका अर्थ हो इसक मुख्य रूप से मकसद था अन्य राज्यों को चुनौती देना। इसका लक्ष्य था प्रभुत्व स्थापित करनाय ताकि शक्ति का प्रदर्शन कर सके”।
अपर्णा ने आगे कहा, “यह काल्पनिक किन्तु संभावनाओं पर आधारित कहानी है। जिसमें ऐतिहासिक, साहित्यिक और विचार धाराएं हो रही घटनाओं का आधार बनीं”।