हरियाणा के पत्रकारों की मांग पर जल्द विचार करेंगे सीएम खट्टर

अशोक कुमार निर्भय 


हरियाणा यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष संजय राठी के नेतृत्व में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को प्रदेश के पत्रकारों के शोषण तथा उनकी मांगों से अवगत करवाया। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि पत्रकारों की मांगों पर जल्द ही कार्यवाही की जायेगी।प्रदेश अध्यक्ष संजय राठी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मीडियाकर्मियों की कुल संख्या का लगभग 20 प्रतिशत ही मान्यता प्राप्त हैं, जिसके चलते अधिकांश मीडियाकर्मियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं एवं नीतियों का लाभ नहीं मिल पाता। अत: नियमों में बदलाव कर पूर्णकालिक मीडियाकर्मियों की एक नयी श्रेणी बनाई जाये, जिसके तहतकर उन्हें योजनाओं के लाभ के लिये पात्रता प्रदान की जाये। इसके अलावा मीडियाकर्मियों तथा उनके परिजनों के लिये सरकारी कर्मचारियों की तर्ज पर निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया जाए ताकि बीमारी की स्थिति में उचित इलाज सम्भव हो सके। निजी क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाएं बेहद महंगी हैं, जिसका खर्च उठाने में अधिकांश मीडियाकर्मी सक्षम नहीं हैं।
संजय राठी ने मुख्यमंत्री को बताया कि मीडियाकर्मी दिन-रात चुनौतियों के बावजूद अपने दायित्व का निर्वहन कर समाचारों के संकलन करते हैं। कई बार दुर्घटनाओं के चलते उनकी मृत्यु तक हो जाती है। जिससे उनके परिवारों के सामने भरण-पोषण का भारी संकट पैदा हो जाता है, संस्थान उनकी भविष्य निधि, ग्रेच्यूटी तथा बीमा आदि नहीं करवाते। न ही उनके परिजनों के लिये पेन्शन आदि की सुविधाएं मिल पाती हैं। अत: सरकार की ओर से मीडियाकर्मियों के लिये दस-दस लाख रूपये का सामूहिक दुर्घटना बीमा करवाया जाये। हरियाणा सरकार द्वारा 50 लाख रूपये की राशि से जरूरतमंद मीडियाकर्मियों की सहायता के लिये कोष स्थापित किया गया है। इसकी राशि में वृद्धि कर इसे 5 करोड़ रूपये किया जाये।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि प्रदेश में स्वस्थ पत्रकारिता के विकास के लिये मीडियाकर्मियों के कौशल तथा ज्ञान को बढ़ाने के लिये एक स्वतन्त्र आयोग के गठन की आवश्यकता है, जहां मीडियाकर्मी अपनी शिकायतें तथा समस्याएं भेज सकें । इसके अलावा समाज के अन्य वर्ग भी मीडियाकर्मियों की शिकायतें आयोग से कर सकें। मीडियाकर्मियों पर निरन्तर बढ़ रहे हमलों के मद्देनजर मीडिया प्रोटेक्शन एक्ट बनाया जाए। जिस प्रकार सरकारी कर्मचारियों की ड्यूटी में बाधा डालने पर कानूनी कार्यवाही की जाती है, उसी तर्ज पर मीडियाकर्मियों के कार्य में बाधा डालने, धमकी देने तथा मारपीट करने आदि की घटनाओं को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में रखा जाये।

उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा मीडियाकर्मियों के लिये पांच हजार रूपये मासिक पैन्शन दिये जाने का प्रावधान है। लेकिन सरकार के जटिल नियमों के कारण मीडियाकर्मियों को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है। अत: सरकार पैन्शन सम्बन्धित नियमों का सरलीकरण करे ताकि इस योजना के तहत अधिकांश मीडियाकर्मियों को लाभ मिल सके। इसके अलावा पेन्शन राशि को बढ़ाकर दस हजार रूपये किया जाए।

संजय राठी ने मांग की कि प्रदेश में मान्यता प्रदाय समिति का पुनर्गठन किया जाए तथा किसी वरिष्ठ पत्रकार को इसका अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाया जाए। सचिव का दायित्व किसी प्रशासनिक अधिकारी को सौंपा जा सकता है। इस कमेटी की नियमित बैठकें प्रति तीन माह के अन्तराल में प्रदेश के विभिन्न जिला मुख्यालयों पर आयोजित की जायें। इसके अलावा प्रदेश में टोल बैरियरों पर मीडियाकर्मियों के वाहनों को निशुल्क आवागमन की सुविधा प्रदान की जाये। इससे मीडियाकर्मियों को काफी राहत मिल सकेगी।

प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मीडियाकर्मियों के लिये मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशों को अविलम्ब लागू करवाया जाये। अधिकांश मीडिया समूहों के प्रबन्धक श्रम नियमों की अवहेलना कर अपने कर्मचारियों का शोषण करते हैं। श्रम नियमों की कडाई से अनुपालना सुनिश्चित की जाये ताकि पत्रकारिता के स्तर के गुणात्मक सुधार सम्भव हो सके।

संजय राठी ने जोर देकर कहा कि हरियाणा प्रदेश से प्रकाशित होने वाले स्थानीय समाचार पत्रों के लिये विशेष विज्ञापन नीति बनाकर उन्हें प्रोत्साहन एवं संरक्षण प्रदान किया जाये। इसके अलावा प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर अत्याधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण मीडिया सेन्टर स्थापित किये जायें, ताकि मीडियाकर्मियों को आधुनिक सुविधाओं का लाभ समाचार संकलन और प्रेषण के लिये मिल सके।

हरियाणा में सरकार की ओर से हाऊसिंग बोर्ड के मकानों में डेढ़ प्रतिशत मकान मीडियाकर्मियों के लिये आरक्षित हैं। इन्हें बढ़ाकर पांच प्रतिशत किया जाये ताकि मीडियाकर्मियों की सस्ती एवं सुलभ आवासीय सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। अभी तक मीडियाकर्मियों को आवास बोर्ड के मकानों में आरक्षण मात्र घोषणा तक ही सीमित है। हरियाणा में हुड्डा विभाग द्वारा विकसित सेक्टरों में वकीलों के पांच प्रतिशत प्लाट आरक्षित हैं। इसी तर्ज पर मीडियाकर्मियों को भी पांच प्रतिशत प्लाट आरक्षित किये जायें, ताकि मीडियाकर्मियों को सस्ती तथा सुलभ आवास सुविधाएं मिल सकें। हरियाणा में प्रत्येक जिला मुख्यालय पर मीडियाकर्मियों की ग्रुप हाऊसिंग सोसायटीज को दो एकड़ के भूखण्ड पर नियमों में राहत लाइसेन्स प्रदान किये जायें, ताकि मीडियाकर्मियों को सस्ते और सुलभ आवास उपलब्ध करवाये जा सकें। हरियाणा में पत्रकारिता के शिक्षण, प्रशिक्षण, विकास एवं शोध के लिये पत्रकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना की आवश्यकता है। अत: किसी उचित स्थान पर पत्रकारिता विश्वविद्यालय की स्थापना की जाये।इस प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के ओ.एस.डी. मीडिया अमित आर्य, राजकुमार भारद्वाज, एचयूजे के कार्यकारी अध्यक्ष संदीप मलिक, संजय राय, सुरेन्द्र दुआ, अजय भाटिया, गुरमीत सग्गू, वेद अदलखा आदि मुख्य रूप से शामिल थे।