युवा क्रन्तिकारी भगत सिंह,राजगुरु एवं सुखदेव की स्मृति में आर्य समाज रोहिणी द्वारा शहीद भगत सिंह पार्क, रोहिणी में शहीदी दिवस एवं विशाल युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस दौरान यज्ञ ब्रह्म आचार्य विश्व बन्धु शास्त्री एवं आचार्य राम किशोर शास्त्री द्वारा गायत्री महायज्ञ तथा राष्ट्रकवि सारस्वत मनीसशी जी एवं अन्य कवियों द्वारा देश भक्ति काव्यपाठ किया गया।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित प्रबुद्ध शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री राजकुमार जैन ने कहा कि आजादी की जिस आबो हवा में हम सास ले रहे हैं वह शहीदों की देन है। आजादी की नींव शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु व सुखदेव सरीखे देशभक्तों ने अपने प्राण न्योछावर करके रखी। उनका जीवन दर्शन परोपकार व देशभक्ति पर आधारित था। श्री जैन ने कहा कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह सिर्फ युवाओं ही नहीं, बल्कि बुजुर्गों और बच्चों के भी आदर्श हैं। उनके द्वारा जेल में की गई लंबी भूख हड़ताल उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक थी जो युवाओं को देश के लिए अपने भीतर संकल्प शक्ति पैदा करने की सीख देती है। लाहौर सेंट्रल जेल में उनके द्वारा लिखी गई 400 पृष्ठ की डायरी में जहां वैचारिक तूफान दिखाई देता है, वहीँ उनके विहंगम व्यक्तित्व की साफ झलक दिखती है। भगत सिंह के लिए क्रांति का मतलब हिंसा से नहीं, बल्कि वैचारिक परिवर्तन से था। हमें इन महान वीर सपूतों के जीवन से प्रेरणा लेते हुए अपने अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों के प्रति भी सचेत रहना होगा।
युवा आयुष आर्य ने कहा कि देश के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले अमर शहीदों की भांति ही असंख्य आर्यजनों ने राष्ट्रीय,सामाजिक शैक्षिक एवं वैज्ञानिक कार्यों के माध्यम से प्राचीन वैदिक संस्कृति को पुनर्स्थापित कर राष्ट्र निर्माण में संलग्न रहे। परन्तु विभिन्न कारणों से उनका नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हो पाया। उन्हीं मनीषियों में से एक हैं पंडित शिवकर बापूजी तलपदे जी, जिन्होंने वेदों में उल्लिखित वैज्ञानिक विषय “विमान विद्या” का प्रयोगात्मक रूप जनमानस के सामने प्रस्तुत कर पराधीन एवं उदासीन भारतवासियों के ह्रदय में स्वाभिमान तथा आत्मविश्वास की भावना का संचार किया। आइए हम अतीत की इन स्मृतियों को संजोकर रखते हुए,वर्त्तमान की पीड़ा को दूर करने का संकल्प लें और भविष्य के सपने साकार करने की दिशा में अग्रसर हों।
सम्मेलन के आयोजन में आर्य समाज रोहिणी के संरक्षक श्री सुखदेव आर्य तपस्वी, श्री सुरेन्द्र आर्य एवं श्रीमती संतोष चैधरी, प्रधान श्री अश्विनी आर्य, मंत्री श्री ओम प्रकाश चुघ, कोषाध्यक्ष श्री देवराज आर्य, श्री सुभाष त्रेहन, प्रेरणा ऋषि, शालिनी आर्या, श्री विवेक आर्य,श्री अश्विनी सिंघल, श्री आयुष आर्य, श्री दिग्विजय आर्य,श्री दिव्यांशु आर्य, स्त्री आर्य समाज संरक्षिका श्रीमती अमिता सपरा एवं श्रीमती विजया आर्या, प्रधान डॉ शकुंतला वर्मा, मंत्रिणी उर्मिला आर्या, कोषाध्यक्षा सुधा आर्या-कोमल शर्मा, श्रीमती विम्मी अरोरा, आरडब्ल्यूए पॉकेट डी-11,सेक्टर-8, रोहिणी के चेयरमैन श्री एम के अरोड़ा, प्रधान श्री राजेश गर्ग,महामंत्री श्री सुरेन्द्र गर्ग एवं कोषाध्यक्ष श्री रमेश गर्ग आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।