एक खुले बाजार के तौर आॅनलाइन बाजार स्नैपडील ने एक शून्य कमीशन वाले मोबाइल आधारित बाजार शाॅपो की शुरूआत करने की घोषणा की। शाॅपो के उपाध्यक्ष संदीप कोमारवेल्ली ने जानकारी देते हुए कहा हैं, ’’ई-काॅमर्स क्षेत्र भारत में जबरदस्त तेज गति से आगे बढ़ रहा है और यह उद्योग ई-काॅमर्स के खुले और मुक्त माॅडलों की दिषा में कदम बढ़ा रहा है। शाॅपो का लक्ष्य एक ऐसा प्लेटफाॅर्म विकसित करना है जो लाखों छोटे कारोबारियों, घरेलू उद्यमियों, कलाकारों, विक्रेताओं को सबसे आसान तरीके से अपनी आॅनलाइन दुकान तैयार करने और अपने कारोबार का विस्तार करने में मदद कर सके। शाॅपो की सूचीबद्धता की प्रक्र्रिया भी बहुत आसान है। कोई भी एक बटन पर क्लिक कर विक्रेता बन सकता है और अपने उत्पाद बेचना शुरू कर सकते हैं। इस प्लेटफाॅर्म के जरिये संभावित खरीदारों से सीधे बात कर सकते हैं और आपस में मिलकर लेनदेन और डिलिवरी का सुविधाजनक माध्यम भी तय कर सकते हैं।
L-R- Sandeep Komaravelly- Senior Vice President, Shopo, Kunal Bahl, Co-founder and CEO, Snapdeal and Anand Chandrasekaran- Chief Product Officer, Snapdeal |
शाॅपो पेश करते हुए स्नैपडील के सह-संस्थापन एवं सीईओ कुणाल बहल ने कहा, ’’हम देश में सबसे प्रभावी डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र विकसित कर रहे हैं। इसके साथ ही उपभोक्ताओं और विक्रेताओं के लिए इस अनुभव को सुविधाजनक, कुशल और उन दोनों के लिए लाभदायक बनाने के प्रति प्रतिबद्ध हैं। देश में ई-काॅमर्स क्षेत्र की वृद्धि को बढ़ावा देने का एक प्रमुख उपकरण मोबाइल है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हमने एक मोबाइल आधारित ओपेन मार्केटप्लेस शाॅपो की शुरूआत की जिससे कारोबारों के साथ लोगों को भी तुरंत ही इंटरनेट की आक्ति का इस्तेमाल करने का मौका मिले और वह भी बगैर किसी लागत के। हम इस पेशकश को लेकर बहुत ही उत्साहित हैं और हमें भरोसा है कि शाॅपो भारत के डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र में एक आयाम जोड़ेगा। हमारा लक्ष्य अगले 1 साल में 10 लाख आॅनलाइन दुकानों की शुरूआत करने का है।’’
मूल रूप से छोटे और मध्यम आकार के कारोबारों से मिलकर बना खुदरा क्षेत्र की भारत के जीडीपी में हिस्सेदारी 13 फीसदी से भी अधिक है। हालांकि इस बाजार का एक बड़ा हिस्सा बंटा हुआ और असंगठित है। पैकेजिंग के नियम, वितरण लाॅजिस्टिक, मार्केटिंग के नए माध्यमों की उचित जानकारी की कमी और पर्याप्त संसाधनों की कमी जैसी बाधाओं के चलते उनकी वृद्धि और पहुंच सीमित हो जाती है। स्नैपडील अपने डिजिटल काॅमर्स पारितंत्र के जरिये छोटे और मध्यम उद्यमों को इन चुनौतियों से उबारने में मदद करने के प्रति ध्यान देती रही है। इसी प्रयास को अगले चरण पर ले जाते हुए अपने मार्केटप्लेस प्लेटफाॅर्म के जरिये पूरे देश के खरीदारों और विक्रेताओं के बीच सीधे बातचीत करने का मौका देगा।