वीरेंदर मन्सोतरा द्वारा रचित श्री शिव स्तुति बेहद लोकप्रिय हो रही है


(एस. एस. डोगरा Email:ssdogra@journalist.com)

पिछले दिनों दीवाली के अवसर पर जाने माने रचनाकार वीरेंदर कुमार मन्सोतरा (सेवानिवृत उप-कमान्डेंट, सीमा सुरक्षा बल) श्री शिव स्तुति, श्री राम स्तुति, श्री श्याम स्तुति , श्री दुर्गा स्तुति सप्रेम भेंट की. लेखक, गीतकार, गजलकार, डोगरी. पंजाबी व् हिंदी जैसी अनेक भाषाओँ में पारंगत वीरेंदर मंसोत्रा जी की धार्मिक पुस्तक श्री शिव स्तुति का हाल ही में विमोचन हुआ. श्री राम स्तुति, श्री श्याम स्तुति , श्री दुर्गा स्तुति की अपार सफलता के बाद आपके समक्ष उनकी नई पुस्तक श्री शिव स्तुति बेहद लोकप्रिय हो रही है। आइए पेज न. 2 पर प्रकाशित निम्न दोहे पर गौर फरमाएं:

“जिनके माथे चंदा विराजे,गले नाग लिपटाये हैं!
जटों में जिनके गंगा विराजे-तन पर भस्म रमायें हैं!!
जगत चलाने वाले शम्भू-तुझ को शीश झुकाये हैं!
पार करो बेडा प्रभु जी-शरण तुम्हारी आये हैं!!”

द्वारका परिचय से बातचीत करते हुए बताया कि उन्हें आशा ही नहीं मुझे पूर्ण विश्वास है कि श्री शिव स्तुति भी,श्री राम स्तुति,श्री श्याम स्तुति और श्री दुर्गा स्तुति की तरह ही श्री शिव स्तुति भी मन्दिरों मे पढ़ी जाएगी। और आप सब अपने नित्य पाठ में शामिल कर लेंगे तो उनकी मुरादें अवश्य ही पूरी होंगी.
रचनाकार वीरेंदर कुमार मंसोत्रा ने द्वारका परिचय को सेतु बनाकर भक्तजनों से निवेदन किया है कि वे भी श्री राम स्तुति, श्री श्याम स्तुति , श्री दुर्गा स्तुति के साथ-साथ श्री शिव स्तुति प्राप्त करना चाहते हैं, जबकि कोई भी धार्मिक इसे निशुल्क वितरण हेतु निम्न पते अथवा मोबाइल ओर ईमेल पर संपर्क कर हासिल कर सकते हैं.

रूचि पब्लिकेशन हाऊस –बी-3, मन्सोतरा हाऊस, मोहन गार्डन, डी.के.रोड, उत्तम नगर,
नई दिल्ली-110 00 5 9
मोबाइल: 9213912121, 9213917171
E-mail: ruchipublicationhouse@gmail.com