-बुराई पर अच्छाई की भव्य विजय, श्रद्धा, संस्कृति और प्रेरणा का देखने को मिला अद्भुत संगम
देश की राजधानी दिल्ली के द्वारका सेक्टर-10 स्थित रामलीला ग्राउंड में द्वारका श्री रामलीला सोसायटी के तत्वावधान में आयोजित की गई 14वीं श्री रामलीला महोत्सव का समापन विजय दशमी के पावन पर्व पर दिव्य वैभव और ऐतिहासिक भव्यता के साथ हुआ। इससे पहले गुरुवार को राम-रावण युद्ध, रावण वध, दशहरा महोत्सव, रावण कुंभकरण, मेघनाथ के विशाल पुतलों का दहन, राम-सीता मिलन और भगवान राम का राज तिलक के जैसे प्रसंगों ने हजारों दर्शकों को भावविभोर कर दिया। इसके बाद पूरा रामलीला परिसर जय श्रीराम के उद्घोष से गुंजायमान रहा। विजय दशमी पर द्वारका श्री रामलीला में बुराई पर अच्छाई की भव्य विजय, श्रद्धा, संस्कृति और प्रेरणा का अद्भुत संगम देखने को मिला।
इस भव्य अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री प्रवेश साहिब सिंह उपस्थित रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि द्वारका श्री रामलीला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि यह संस्कारों और भारतीय संस्कृति का जीवंत प्रतीक है। भगवान श्रीराम के आदर्श हमारे जीवन का मार्गदर्शन करते हैं और ऐसे आयोजनों से समाज को नई दिशा मिलती है। प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि यह मंच समाज में धर्म, सत्य, सेवा और मर्यादा के मूल्य स्थापित करने का माध्यम है। द्वारका श्री रामलीला पूरे दिल्ली के लिए गर्व का विषय है। भगवान श्री राम के आदर्शों, मर्यादा और धर्म की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पीडब्ल्यूडी मंत्री ने कहा कि रामलीला जैसे आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं, जो समाज को एकता, प्रेम और मर्यादा का संदेश देते हैं।
बता दें कि सोसायटी के चेयरमैन एवं मुख्य संरक्षक आकाश राजेश गहलोत के मार्गदर्शन में आधुनिक तकनीक, एलईडी, साउंड सिस्टम और थ्री डी विजुअल इफेक्ट्स से विशेष रूप से सजाया गया है। प्रतिदिन की तरह इस दिन भी राजनेता, अधिकारी, संत और समाजसेवी उपस्थित रहे और अनुशासन व सांस्कृतिक गरिमा की सराहना की। गहलोत ने कहा कि उद्देश्य केवल मंचन करना नहीं, बल्कि दर्शकों के भीतर श्रीराम के आदर्शों को जागृत करना है। उन्होंने कहा कि रामलीला भारतीय संस्कृति की जड़ों से जुड़ने का एक सशक्त माध्यम है। दर्शकों के लिए सुरक्षा, पार्किंग, सेवा शिविर, भंडारा, बच्चों के लिए झूले और वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं की गई।
आकाश राजेश गहलोत का कहना है कि द्वारका श्री रामलीला सोसायटी का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं बल्कि समाज में राम के आदर्शों, सत्य, मर्यादा और धर्म के संदेश का प्रसार करना है। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में समाज के सभी वर्गों का सहयोग है और यही भारतीय संस्कृति की वास्तविक पहचान है। उनकी टीम, पदाधिकारियों, कलाकारों, स्वयंसेवकों और तकनीकी विशेषज्ञों के अथक परिश्रम से यह आयोजन आज देश की राजधानी दिल्ली की सर्वश्रेष्ठ रामलीलाओं में गिना जा रहा है। यह आयोजन केवल बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक नहीं, बल्कि भगवान श्रीराम के आदर्शों, मर्यादा और नीति-सत्य के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने वाला प्रेरणादायी पर्व सिद्ध हुआ।


