ब्यूटी एंड द बीस्ट
फ्रेंच फिल्म ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’ भी एक ऐसी ही फिल्म है, जो परीकथाओं की दिलचस्प कहानियों-घटनाओं का वर्णन करती है। ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’की कहानी को कई बार सिनेमाई पर्दे पर दिखाया जा चुका है, लेकिन ‘हैरी पॉटर’ व ‘लॉर्डस ऑफ द रिंग्स’ सिरीज की तरह इसका क्रेज भी बड़ों और बच्चों दोनों के सिर चढ़ कर बोलता दिखता है। कहानी शुरू होती है 1810 के फ्रांस से, जिसका एक सिरा जुड़ा है बेल (लि सैडॉक्स) से। दुख-सुख की धूप-छांव ङोलता बेल का परिवार अब एक छोटे से घर में आ सिमटा है। उसे अब भी इंतजार है उस बड़ी खुशी का, जिसके लिए उसका परिवार संघर्ष कर रहा है।
निर्माता रिचर्ड ग्रैंडपियर व निर्देशक क्रिस्टोफर गैंस की इस फिल्म में कलाकार विंसेंट कासेल, लि सैडॉक्स, एंद्रे डस्सोलियर, डुराडो नॉरिगा है।
फिल्म जिद
चॉकलेट’ और ‘हेट स्टोरी’ जैसी थ्रिलर फिल्में बना चुके विवेक की ‘जिद’ सही मायने में एक थ्रिलर फिल्म है। इसके पहले ‘ देख कर कहना पड़ेगा कि उन्होंने पहले से बहुत इम्प्रूव किया है। न केवल मेकिंग के लिहाज से, बल्कि एक स्टोरीटैलर के रूप में भी उन्होंने इस फिल्म को इस काबिल बना दिया है कि आप सीट से हिलने तक का नाम नहीं लेंगे। इसके कई कारण हैं, लेकिन पहले फिल्म का कहानी। रोहन (करनवीर शर्मा) एक पत्रकार है और उसका अपनी प्रेमिका प्रिया (श्रद्धा दास) से अलग होने के बाद में अपने गम को भुलाने और नई जिंदगी की शुरुआत के लिए करण (मोहन कपूर) उसे अपने एक परिचित के घर किराए पर रहने के लिए भेजता है। यहां उसकी मुलाकात होती है माया (मनारा) से। माया खुद ही रहस्यमयी है। माया सुंदर है, उत्तेजक है और ऐसी हरकतें करती है कि हर किसी की नजर उस पर पड़ती है। एक दिन माया और रोहन एक पाटी से घर लौट रहे होते हैं कि उनकी गाड़ी से एक एक्सीडेंट हो जाता है। अगले दिन उन्हें पता चलता है कि एक्सीडेंट में मरने वाली एक लड़की थी, जिसका नाम था नैंसी। नैंसी का नाम सुन कर रोहन के होश उड़ जाते हैं, क्योंकि नैंसी प्रिया की बहन होती है। उधर रोहन जब ऑफिस आता है तो करण उसे नैंसी का केस फॉलो करने के लिए कहता है। मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर मोजेज का शक पहले रोहन और फिर प्रिया पर जाता है, क्योंकि नैंसी के मरने के बाद सब कुछ प्रिया के नाम होने वाला है, लेकिन किसी को नहीं पता होता कि माया अंदर ही अंदर क्या जाल बुन रही है, क्योंकि वह रोहन से प्यार करती है।