आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत राम जानकी संस्थान (आरजेएस)की श्रृंखलाबद्ध आजादी की अमृत गाथा का एक सौ पैंतीसवां कार्यक्रम नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला में 1 मार्च को लेखक मंच पर संपन्न हुआ। पुस्तक मेला की आयोजक संस्था राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों पर चर्चा की गई और उनकी स्मृति को नमन किया गया।इसमें आरजेएस की आजादी की अमृत गाथा के 150 कार्यक्रमों पर आधारित आगामी पुस्तक के पोस्टर का लोकार्पण राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के निदेशक कर्नल युवराज मलिक ने किया। उन्होंने कहा कि स्टेट्स सिंबल फोन और सोफ़ा नहीं ,पुस्तकें और बड़ी लाइब्रेरी होनी चाहिए।
उन्होंने पुस्तक मेला की थीम आजादी का अमृत महोत्सव की चर्चा करते हुए कहा कि जीवन में प्रेरणा लेनी है तो हमें इतिहास को याद रखना होगा ।वह इतिहास जो हमें सकारात्मक रूप से आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है सकारात्मक व्यक्ति से ही समाज और देश आगे बढ़ता है।
विशेष तौर पर गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के शोधार्थी और लेखक राहुल इंकलाब, द टेंपल ऑफ अंडरस्टैंडिंग फाउंडेशन के महासचिव डा.ए.के. मर्चेंट, लेखक और मोटीवेशनल स्पीकर पार्थ सारथि थपलियाल, सुरजीत सिंह दीदेवार, श्री लालबहादुर शास्त्री राष्ट्रिय संस्कृत विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर डा. रमेश कुमार योगाचार्य आदि ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर आरजेसिएन्स मुहिम “बुके नहीं बुक्स” के अंतर्गत पुस्तक वितरण भी किया गया। 25 फरवरी से 5 मार्च तक चलने वाले नई दिल्ली विश्व पुस्तक मेला 2023 में आजादी की अमृत गाथा के तीन संस्करण 132,134 और 135 प्रस्तुत किए जा रहे हैं । 6 अगस्त 2023 को 150 कार्यक्रमों पर आधारित आरजेएस आजादी की अमृत गाथा पुस्तक का लोकार्पण होगा।