“यह बेबस दिल रोता है, जब देश का सैनिक शहीद होता है” दिल्ली/ वर्किंग जर्नलिस्ट्स आॅफ इंडिया (डब्ल्यू जे आई) के राष्ट्रीय महासचिव और आरजेएस स्टार पत्रकार नरेंद्र भंडारी ने कहा कि देश की सभी पार्टियां चुनावी रणनीतियां बनाने में मशगूल हो गई हैं, ऐसे में आजादी की रक्षा की जिम्मेदारी देश के सैनिकों और मीडिया कर्मियों पर आ गई हैं। सभी पत्रकार राष्ट्र प्रथम की सकारात्मक सोच के साथ एकजुट हो जाएं ।आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना की प्रेरणा से पत्रकार रमाशंकर द्वारा 20 फरवरी को मदर्स हैरिटेज स्कूल ,न्यू अशोक नगर , दिल्ली में आयोजित बैठक को मुख्य अतिथि श्री भंडारी संबोधित कर रहे थे । सुबह में इसी स्कूल के विद्यार्थियों ने अपनी पीड़ा सड़कों पर निकलकर शहीदों के प्रति शोक रैली करके व्यक्त की । दोपहर में आरजेएस की 47 वीं बैठक में पुलवामा शहीदों को अश्रूपूरित नेत्रों से श्रद्धांजलि दी गई और दो मिनट का मौन रखा गया।
आरजेएस की इस बैठक में पत्रकार सफदर रिजवी , मदर्स हैरिटेज स्कूल के चेयरपर्सन डॉ. जी. एस. अग्रवाल ,प्रिंसिपल नीलम अग्रवाल ,समाज सेवी हसनैन अहमद और मनाजीर हुसैन आदि ने कहा कि देश में एकता के लिए सकारात्मक विचार धारा का समर्थन करते हैं।आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के आरजेएस स्टार पत्रकार दीनदयाल- रेशमदयाल, मनोज टंडन ,ब्रहमानंद झा, संजय माही आदि ने बैठक की शोभा बढ़ाई ।19 फरवरी को जम्मू कश्मीर से लौटे बैठक के मुख्य वक्ता आरजेएस स्टार मानव नागर ने कश्मीर के बदले हालात पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस मुसीबत का हल भारत की प्रति सकारात्मक सोच बनाने से ही संभव है। देश शहीद परिवार के साथ खड़ा है। मैं स्वयं रविवार को आरजेएस की 48वीं सकारात्मक बैठक आयोजित करनेवाला हूं और यहां सकारात्मक राजनीति पर भी चर्चा होगी। पत्रकार परवीन अर्सी ने सुप्रसिद्ध चित्रकार राजा तनेजा की आरजेएस फैमिली को भेंट पोस्टर “तिरंगे की रक्षा में लगे देश की सिपाही और कलम के सिपाही” को और मजबूत और सुरक्षित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि राम जानकी संस्थान आरजेएस, नई दिल्ली द्वारा 22 राज्यों में सकारात्मक बैठकों और पत्रकारिता से भारत निर्माण में तेजी आ रही है ।यह देश के लिए एक शुभ संकेत है। मदर्स हैरिटेज स्कूल में आयोजित आरजेएस की इस बैठक के आयोजक बीके चैनल के पत्रकार रमाशंकर ने कहा कि देश में फैले नकारात्मक माहौल को दूर करना आरजेएस की प्राथमिकता है। “सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है , देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।”सकारात्मक सोच के साथ जयहिंदजयभारत राष्ट्र प्रथम वंदे मातरम्।