विश्व पुस्तक मेला की आयोजक संस्था एनबीटी के उपनिदेशक ने द बुक लाइन की मोटिवेशनल पुस्तकों आरजेएस बैठक में किया लोकार्पण

28वें  विश्व पुस्तक मेला प्रगति मैदान नई दिल्ली मैं आरजेएस की 122 मी सकारात्मक बैठक का आयोजन 5जनवरी 2020को  द बुक लाइन प्रकाशन के स्टॉल पर आरजेएस फैमिली से जुड़े प्रकाशक सुनील भनोट ने किया। आरजेएस राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना की प्रेरणा से सकारात्मक भारत आंदोलन के अंतर्गत इस बैठक का आयोजन किया गया और  इस अवसर पर  हाल ही में श्री लंका में दिवंगत शीर्षस्थ हिंदी साहित्यकार डा.गंगा प्रसाद विमल को श्रद्धांजलि दी गई। 

विश्व पुस्तक मेला की आरजेएस की 122 वीं बैठक में  द बुक लाइन की दो नई हिंदी मोटिवेशनल पुस्तकों  सफलता की ऊंची उड़ान और प्रकृति की ओर, प्रकृति का विज्ञान और  इसके अलावा दो अंग्रेजी की दो नई पुस्तकें टॉर्चबियरर्स 51 रियल  इंस्पायरिंग स्टोरीज और  यू कैन फुलफिल योर ड्रीम्स का लोकार्पण मुख्य अतिथि नेशनल बुक ट्रस्ट के उप निदेशक राकेश कुमार ने  आॅर्थर्स गिल्ड आॅफ इंडिया के महासचिव डा.शिव शंकर अवस्थी की उपस्थिति में किया। द बुक लाइन के स्टाल पर नई पुस्तक “सफलता की  ऊंची उड़ान” के लेखक ग्राफ़ोलॉजिस्ट जेपीएस जौली उर्फ जौली अंकल ने कहा जीवन का लक्ष्य बेशक कुछ भी हो ,यह पुस्तक प्रेरक विचार ,ज्ञान और विजन में बढ़ोतरी के साथ-साथ सामाजिक पद प्रतिष्ठा को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में मददगार साबित होगा। नई हिंदी पुस्तक प्रकृति की ओर प्रकृति का विज्ञान के लेखक दूरदर्शन फेम डॉ संदीप कुमार शर्मा ने कहा कीनई पुस्तक वर्तमान और भविष्य के समाज और पर्यावरण के साथ-साथ भूतकाल में प्रकृति के विज्ञान के साथ खिलवाड़ के दुष्परिणामों को भी सामने लाने का प्रयास है ।आज समय है कि इन बिंदुओं का ठोस समाधान खोजा जाए। अंग्रेजी पुस्तक टॉर्च बेयर्र्स 51 रियल इंस्पायरिंग स्टोरीज के लेखक वेटरन मेजर प्रदीप खरे  ने कहा की नई किताब में साधारण लोगों के वास्तविक जीवन की घटनाएं हैं जिसमें उन्होंने वास्तविक परिस्थितियों में सफलता के सिद्धांतों को अपनाकर असंभव को भी संभव बना देते हैं।

दिवंगत डा गंगा प्रसाद विमल के बारे में आकाशवाणी से सेवा निवृत्त प्रसारण कर्मी और नागरी लिपि परिषद के महामंत्री डा.हरि सिंह पाल ने बैठक को आॅनलाइन संबोधित किया । उन्होंने कहा किडॉक्टर गंगा प्रसाद विमल प्रगतिशील विचारक ,प्रशासक ,शिक्षाविद और सृजनात्मक लेखक थे। वह शोषित वंचित और उपेक्षित लोगों की आवाज थे।  ।वह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्राध्यापक थे और सेवानिवृत्ति के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय में केंद्रीय निदेशक थे।वह नागरी लिपि परिषद के अध्यक्ष भी रहे। इस अवसर पर लेखक मुकेश भटनागर ने सकारात्मक सोच को आंदोलन बनाने के लिए टीम आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया को समर्थन दिया  किया। बैठक के अंत में टीम आरजेएस पाॅजिटिव के पत्रकारों और अतिथियों को प्रकाशक सुनील भनोट ने आभार जताया और धन्यवाद दिया।