टीम आरजेएस फैमिली पॉजिटिव मीडिया अपने पूर्वजों की स्मृति में भारत के संतों-महापुरुषों ,शहीदों ,क्रांतिकारियों और विभिन्न विधाओं की विभूतियों के नाम आगामी गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रीय सम्मान देने जा रही है। आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने आरजेएस के रोजाना फेसबुक लाईव में जानकारी देते हुए कहा कि इस मुहिम से हजारों लोग प्रेरित हो रहे हैं और नई पीढ़ी संस्कारित हो रही है।
इस मुहिम में दिल्ली के माननीय माथुर, टटेसर,और सब्जवारी परिवार के बाद आज दिल्ली का एक डोगरा परिवार भी शामिल हो गया है ।अब तक देश में दर्जनभर से ज्यादा परिवार आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान से जुड़ चुके हैं। दिल्ली के जाने-माने पत्रकार व लेखक तथा क्रिएटिव्स वर्ल्ड मीडिया एकेडमी के संस्थापक एस.एस. डोगरा अपने दादाजी हवलदार स्व० गजे सिंह स्वतंत्रता सेनानी की स्मृति में हिमाचल प्रदेश के निर्माता और प्रथम मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार के नाम आरजेएस का राष्ट्रीय सम्मान समर्पित करेंगे ।
वर्तमान में श्री डोगरा के चाचा कैप्टन ध्यान सिंह जी का बेटा थल सेना में बौर्डर पर देश की रक्षा कर रहा है। इस सम्मान की घोषणा पर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि टीम आरजेएस के रोजाना फेसबुक लाइव शो के 28 अगस्त के अंक में हमारे दादा जी की स्मृति में हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डा. यशवंत सिंह परमार के प्रेरक व्यक्तितव को समर्पित आरजेएस राष्ट्रीय सम्मान की घोषणा हमारे समस्त डोगरा परिवार के लिए गर्व का विषय है। हम सभी आरजेएस परिवार का तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं।
आगे श्री मन्ना ने बताया कि आजादी के बाद हिमाचल प्रदेश के प्रथम मुख्यमन्त्री बनने के बाद डा.परमार सदा मिट्टी से जुड़े रहे। पहाड़ी संस्कृति इनके रोम-रोम में बसी थी। डा.परमार 25 वर्षों तक परमार्थ के कार्य में लगे रहे और राज्य के विकास में अपना सर्वस्व न्यौछावर कर हिमाचल निर्माता और हिमाचल गौरव बने।आरजेएस भारत उदय डॉ यशवंत सिंह परमार राष्ट्रीय सम्मान 2021 समाज में सकारात्मक और उत्कृष्ट कार्य करने वाले को प्रदान किया जाएगा। इस मुहिम से नई पीढ़ी को भारत के महापुरुषों और परिवार के दिवंगत पूर्वजों की जानकारी मिल रही है । इस तरह वो अपनी मिट्टी और अपनी जड़ों से जुड़ते जा रहे हैं । 25 राज्यों से जुड़े लोगों के बीच इस मुहिम से जागरूकता और सकारात्मकता आ रही है।
सकारात्मक परिवार अपने पूर्वजों का राष्ट्रीय स्तर पर मान-सम्मान बढ़ा रहे हैं जो आरजेएस की प्रेरणादायक पुस्तक में भी प्रकाशित होंगे। रामजानकी संस्थान, (आरजेएस)नई दिल्ली और तपसिल जाति आदिबासी प्रकटन्न सैनिक कृषि बिकाश शिल्पा केंद्र(टीजेएपीएस केबीएसके) हुगली (पश्चिम बंगाल) के तत्वावधान में चल रहे सकारात्मक भारत आंदोलन की पांचवी वर्षगांठ पर भारतीय परिवारों के लिए इस अनूठी पहल की शुरुआत की गई है।