द्वारका के मार्केंट्स में पार्किंग की गम्भीर समस्या


लोमस झा 

शाम होते ही द्वारका के ज्यादातर मार्केंट्स में ग्राहकों की चहल-कदमी बढ़ने लगती है। इन मार्केंट्स में लगभग सभी ब्रांडेड कम्पनियों की दुकानों के साथ-साथ सभी छोटी-बड़ी दुकाने भी हैं। सामानों की खरीददारी करते ग्राहकों की भीड़ द्वारका की शाम को और भी देखने लायक बना देती है। द्वारका का आशीर्वाद चौक मार्केट, सेक्टर10 और 6 का मार्केट ये ऐसे जगह हैं, जहां ग्राहकों के सामने एक सबसे बड़ी यह समस्या आती है कि खरीददारी करने के दौरान वह अपनी गाड़ियों को कहां पार्क करें। खरीददारी करने के आनन फानन में वह अपनी गाड़ियों को बेतरतीब तरीके से मार्केट्स के सामने 60 फुट चैड़े रोड के दोनों तरफ खड़ी कर देते हैं। कही- कही पर तो नजारा यह है कि ट्राफिक पुलिस के द्वारा जिन जगहों पर नो पाकिर्गं का बोर्ड लगाया गया है वहा भी गाडियां पार्क की हुई देखी जाती है । परिणामस्वरूप ट्रेफ़िक पोलिसे की चपटे मे आकर ग्राहकों को एक और अतिरिक्त तनाव से गजुरना पड़ता है और साथ ही साथ वहा से गजुरने वाले वाहन चालकों को जाम का सामना करना पडता है ।

गाडियों की वजह से जगह-जगह लगे जाम और गरै़जिम्मेदार तरीके से गाडियों को किसी भी जगह खडा़ करना एक समस्या बनती जा रही है । गाड़ियों को ग्रीन बेल्ट व सर्विस रोड पर खड़ा करना आम बात होती जा रही है। द्वारका के लगभग सभी मार्केट्स में सबसे ज्यादा इस बात का अभाव है कि गाड़ियों की पार्किंग के लिए किसी भी प्रकार की व्यवस्था का इंतजाम नहीं है। द्वारका के आशीर्वाद चौक मार्केट में खरीददारी करने आए बसंत बत्रा ने पार्किंग की इस अव्यवस्था पर अपनी प्रतिक्रिया ज़ाहिर करते हुए कहा कि मार्केट्स में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण हमें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रैफिक पुलिस द्वारा इस रोड को नो-पार्किंग जोन घोषित किया गया है, लेकिन फिर भी लोग अपने गाड़ियों को कुछ समय के लिए मज़बूरन यहाँ पर खडा़ करते है ऐसा इसलिए क्योंकि गाडियों के पार्क करने की कोई व्यवस्था ही नही है । होता यह है कि ट्रैफिक पुलिस नो पार्किंग जोन में खडी़ गाडियों को क्रेन से उठाकर ले जाती है । उन्होंने कहा कि ट्रैफिक पुलिस तो अपनी ड्यूटी करती है, उन्हें गलत नही कहा जा सकता, लेकिन वास्तविक समस्या पर कोई पहल ही नही करता। उन्होंने सुझाव दिया कि इस गम्भीर समस्या से निजात पाने के लिए द्वारका के सभी माकर्टेस् के अध्यक्ष को विचार कर सही हल निकालने की जरूरत है।