प्रभु हम आए शरण तुम्हारी …… दे दो ज्ञान अब तो हे परमेश्वर …..
भव् भंजन भवतारण भवदुखहारी ….. प्रभु हम आए शरण तुम्हारी …..
नित्य नमन स्वीकारो मनोहर ….. दिव्य अलोकिक भक्ति दे कर …..
हमको भी सापेक्ष बना दो ना ….. प्रभु हम आए शरण तुम्हारी …..
विनीत भाव से तुमको शीश नवाते ….. परमानंद परब्रहम हे पालनहारी ….. सारे कष्ट मिटा दो स्वामी …..
दे कर सहारा अनुपम दिव्य ज्ञान ….. जीवन का हो अभयदान ….. प्रभु हम आए शरण तुम्हारी
कृपा दृष्टी रखना हम पर ….. अलखनिरजन आनंदमयी हे अन्तर्यामी …. बहुत भटके है हरिहर …..
बैठ गए अब शरण तुम्हारी ….. प्रभु हम आए शरण तुम्हारी …..
पूर्ण करो यह आशा हमारी …. जय जय हे जगदीश ….
प्रभु हम आए शरण तुम्हारी …. दे दो ज्ञान अब तो हे परमेश्वर …..
स्वरचित भजन – मधुरिता