(द्वारका परिचय न्यूज डैस्क)
दिनांक 18 अगस्त 2019 रविवार को सायंकाल ” स्पीकर हॉल कॉन्सटीटयूशन क्लब ऑफ इंडिया, रफी मार्ग नईदिल्ली, में आयोजित किया गया । जयन्ती समारोह उ प्रदेश हिन्दी संस्थान एवं राष्ट्रकवि श्री मैथिलीशरण गुप्त संस्थान ( साहित्यिक संस्था) लखनऊ द्वारा संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया । समारोह उ प्र हिन्दी संस्थान के माननीय कार्यकारी अध्यक्ष डॉ सदानंद प्रसाद गुप्त जी की अध्यक्षता एवं माननीय श्री श्याम जाजू जी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी के मुख्य आतिथ्य एवं अतिविशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ अशोक वाजपेयी जी के आतिथ्य में सम्पन्न हुआ । समारोह का दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रगान के द्वारा विधिवत शुभारंभ किया गया।
परिचर्चा ” राष्ट्रीय अस्मिता और मैथिलीशरण गुप्त का काव्य ” था। इसको दूरदर्शन ने और कई अन्य चैनलों ने भी प्रसारित किया। समारोह में डॉ वन्दना गुप्ता जी को उनके काव्य संग्रह ” मयूर पंख ख़्वाहिशों के ” के लिए इस वर्ष के राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त सम्मान से अलंकृत किया गया,सम्मान स्वरूप ग्यारह हजार रुपये, प्रशस्ति पत्र, अंग वस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया। समाज सेवा और भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु इस वर्ष के स्वतंत्रता सेनानी नाथूराम गुप्त सम्मान-2019 से निम्न विभूतियों को अलंकृत किया गया:-
1• महन्त दिव्या गिरि जी, पीठाधीश्वर श्री मनकामेश्वर मठ मन्दिर, लखनऊ ।
2• श्रीमती पुष्पलता अग्रवाल, शिक्षाविद।
3• श्री शिव स्वरूप गुप्ता, समाज सेवी।
4• जेब्रोनिक्स इंडिया प्रा• लिमिटेड के श्री केतन जैन, नेशनल सेल्स हेड।
5• श्री संजय गुप्ता कानपुर, समाज सेवी।
” राष्ट्रीय अस्मिता और मैथिलीशरण गुप्त का काव्य ” परिचर्चा के अतिथि वक्ता निम्नवत हैं:
1• डॉ सदानंद प्रसाद गुप्ता माननीय कार्यकारी अध्यक्ष उ प्रदेश हिन्दी संस्थान ।
2• श्री सुधांशु रंजन वरिष्ठ संवाददाता डी डी न्यूज ,नई दिल्ली ।
3• प्रो ( डॉ) सुधीर प्रताप सिंह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय न ई-दिल्ली ।
4• प्रो ( डॉ ) कुमुद शर्माजी दिल्ली विश्वविद्यालय दिल्ली ।
5• श्री विराग गुप्ता अधिवक्ता, माननीय उच्चतम न्यायालय ।
सभी अतिथि वक्ताओं ने राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी के काव्य को राष्ट्रीय अस्मिता और सनातन धर्म की रक्षा करने वाला बताया ।
डॉ सदानंद प्रसाद गुप्त माननीय कार्यकारी अध्यक्ष उ प्रदेश हिन्दी संस्थान ने अपने व्याख्यान में बताया कि सनातन धर्म लगभग 9000 वर्ष पुराना है, राष्ट्रकवि गुप्त जी ने अपनी उसी समृद्ध धार्मिक परम्परा को आगे बढ़ाने का काम किया था। जहां एक ओर इकबाल जिन्हें धर्म निरपेक्ष कहा जाता है और गुप्त जी को हिन्दूवादी कवि कहकर उनके महत्व को कमतर आंका जाता है, गुप्त जी लिखते हैं कि ” हम हैं सवार एक ही नाव के,यदि एक का बुरा होगा, तो दूसरे का भला नहीं हो सकता ” अर्थात हिन्दुओं और मुसलमानों के हित परस्पर एक ही हैं ।जबकि इकबाल सम्पूर्ण धरा को मुस्लिम बनाने की अल्लाह से दुआ करते हैं । अतः राष्ट्रकवि का साहित्य समावेशी और राष्ट्रीय सोच को महत्व देता है ।
मुख्य अतिथि श्री श्याम जाजू जी ने उन्हें राष्ट्रीय अस्मिता का रक्षक बताया ।उन्होंने गुप्त जी को गरीबों और नारियों के रक्षक के रूप में याद किया । अतिविशिष्ठ अतिथि डॉ अशोक वाजपेयी जी माननीय राज्यसभा सदस्य एवं सचेतक भाजपा राज्यसभा ने अपने सम्बोधन में कहा कि राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त जी की ” भारत भारती ” ने राष्ट्रीय सोच को महत्व दिया और गरीबों की स्थिति पर प्रकाश डाला ।
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त संस्थान ( साहित्यिक संस्था ) लखनऊ के अध्यक्ष अनिल कुमार गुप्त एवं सचिव श्री रविन्द्र कुमार गुप्ता ने अतिथिगणों का सम्मान किया और आमंत्रित अतिथियों का धन्यवाद किया । पूरे कार्यक्रम का मंच संचालन अंम्बिका ने किया। कार्यक्रम के समापन पर सुस्वादु भोजन का सभी ने आनन्द लिया ।