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स्वभाषाओं का स्वागत लेकिन….?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह खुश खबर है कि देश के आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कालेजों में अब पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी भाषाएँ होंगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति …

नेता क्यों न सुनें जनता की आवाज?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक गुजरात उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति परेश उपाध्याय ने एक स्थानीय मामले में ऐसी बात कह दी है, जिससे सिर्फ गुजरात ही नहीं, संपूर्ण भारत का लोकतंत्र …

नीतीश के नए तेवर पर सवाल

डॉ. वेदप्रताप वैदिक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीशकुमार बड़े मजेदार नेता हैं। वे कई ऐसे अच्छे काम कर डालते हैं, जिन्हें करने से बहुत-से नेता डरते रहते हैं। अपने देश …

विश्व-संस्था में भारत को नया मौका

डॉ. वेदप्रताप वैदिक संयुक्तराष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद ऐसी संस्था है, जो सबसे शक्तिशाली है। इसके पांच सदस्य स्थायी हैं। ये हैं- अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन। इन …

आज़ादी की तड़प !

पिन्जरे की चिड़िया को लाख समझायो ,दयालु है और वहाँ उसे अपने ही जिस्म की दुरगंध भी नहीं मिलेगी ,खुली हवा का सुख और सुकून का लुत्फ़ भी बड़ा …

पेगासस-कांड को कैसे हल करें ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक पेगासस-जासूसी के मामले में हमारी सरकार ऐसी फंस गई है कि उसे कोई रास्ता ही नहीं सूझ रहा है। संसद का काम-काज लगभग ठप्प हो चुका …

काबुल में चीन-अमेरिकी प्रतिस्पर्धा

डॉ. वेदप्रताप वैदिक भारत की दृष्टि से इधर दो विदेश-यात्राएं ध्यान देने लायक हुई हैं। पहली अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की दिल्ली यात्रा और दूसरी तालिबान के नेता …

संसदः पक्ष और विपक्ष का अतिवाद

डॉ. वेदप्रताप वैदिक संसद का यह वर्षाकालीन सत्र अत्यधिक महत्वपूर्ण होना था लेकिन वह प्रतिदिन निरर्थकता की ओर बढ़ता चला जा रहा है। कोरोना महामारी, बेरोजगारी, अफगान-संकट, भारत-चीन विवाद, …

भारत क्यों बने किसी का पिछलग्गू?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक यह कोई विचित्र संयोग नहीं है कि अमेरिका के विदेश मंत्री भारत आए हुए हैं और पाकिस्तान के विदेश मंत्री चीन गए हुए हैं। दोनों का …

भास्कर पर छापेः किसका फायदा ?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक हिंदी के सबसे बड़े और सबसे प्रामाणिक अखबार, भास्कर, पर छापों की खबर ने देश के करोड़ों पाठकों और हजारों पत्रकारों को हतप्रभ कर दिया है। …

काबुल में अब भारत क्या करे?

डॉ. वेदप्रताप वैदिक अफगानिस्तान के बारे में बात करने के लिए हमारे विदेश मंत्री पिछले दो-तीन सप्ताहों में कई देशों की यात्रा कर चुके हैं लेकिन अभी तक उन्हें …

जासूसी का दूसरा पहलू

डॉ. वेदप्रताप वैदिक सरकारी जासूसी को लेकर आजकल भारत और दुनिया के कई देशों में जबर्दस्त हंगामा मच रहा है। पेगासस के संयंत्र से जैसी जासूसी आजकल होती है, …

जीवन का अनुभव

विचारणीय प्रश्न केवल यह नहीं है कि जिसकी कुर्बानी दी जा रही है, वह पशु बेजुबान है और उसकी इच्छा-अनिच्छा को अनदेखा किया गया है। अपितु कटु सत्य यह …

सरकारी जासूसी पर हंगामा

डॉ. वेदप्रताप वैदिक हमारी संसद के दोनों सदन पहले दिन ही स्थगित हो गए। जो नए मंत्री बने थे, प्रधानमंत्री उनका परिचय भी नहीं करवा सके। विपक्षी सदस्यों ने …

कावड़-यात्रा और महामारी

डॉ. वेदप्रताप वैदिक आजकल हमारी न्यायपालिका को कार्यपालिका का काम करना पड़ रहा है। सरकार के कई महत्वपूर्ण फैसलों का अंतिम फैसला अदालतें कर रही हैं। ऐसा ही एक …

हम सबका खून एक ही

डॉ. वेदप्रताप वैदिक बिहार सरकार के एक मंत्री जमा खान ने अपनी आठ सौ साल की विरासत को याद किया और अपनी खुद की मिसाल पेश करके कहा कि …