बहुरंगीय गीतों का संग्रह है अलबम हॉट बीट – गायक जैवी

 प्रेमबाबू शर्मा
 उस्ताद फतेह अली की गायकी से प्रभावित होकर गायन के क्षेत्र में उतरे और अपनी पहचान बनाने वाले गायक जैवी सिंह कहते है कि मेहनत तो रंग लाती ही है। अपनी पिछली तीन अलबम शौकीन कुडियां, नी वालिया, पंजाबी मुडे की अपार सफलता के बाद में एमी ग्रुप प्रस्तुति अलबम हॉट बीट की तैयारी में जुटे है। इन दिनों वे कोरियोग्राफर अमृत सिंह के साथ अलबम के गीतों के  प्रमोशन के लिए बन रहे विडियों में व्यस्त है। जिसमें एक गीत फैसला के शूट के मौके पर मिलने का मौका मिला। 

बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि ‘पंजाबी गायकी का एक अलग ही मजा है। शायद यही कारण है कि एक बार फिर से बॉलीवुड में भी पंजाबी गायकी का दौर लौट रहा है। अपनी अगामी अलबम हॉट बीट की बात चलते ही उन्होंने बताया कि‘ हॉट बीट अलबम में 8 बहुरंगीय गीतों का संग्रह है, या यूं कहे कि इसमें हर मूड के श्रोताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया है। जिसमें गीत फैसला लहरे और चोटी तो खास करके युवाओं को ध्यान में रखकर तैयार किये गये है। संगीतकार लोली, जानी सिंह और जीती ने कमाल की कंपोजिग की है तो  अमृतसिंह ने भी अपनी कोरियोग्राफर का चमत्कार दिखाया है। पंजाब के कपूरथला में जन्में जैवी सिंह को बचपन से ही गायकी के प्रति लगाव रहा था और गायकी विधिवत् शिक्षा भी ली है। पटियाला घराने के उस्ताद सुखदेव साहिल से। जैवी ने एक नवोदित गायक के रूप में लोगों के बीच अपनी पहचान बनाने के लिए स्कूल और कॉलेज के अलावा अन्य जगहों पर आयोजित गायन प्रतियोगिताओं में नामचीन गायक नुसरत फतेह अली और हंसराज हंस जैसे मंझे गायकों के गीतों को चुना और श्रोताओं ने उनका मनोबल भी बढाया। किन्तु अपनी अलग पहचान बनाने और किसी एक टाईप्ड का ठप्पा ना लगे से बचने के लिए सभी गायकों के गीतो का स्वर देना शुरू कर दिया। लेकिन चाह कर भी वे हंसराज शैली को नहीं भुला पाए। जैवी कहते है कि ‘मैंने गायकी में अपनी एक प्रकार की शैली को भले ही अपनाया किन्तु श्रोताओं ने हमेशा मंच पर हंसराज जी के गीत सुनाने का आग्रह किया। यह मेरे लिए गर्व की बात भी है, और मुझे खुशी भी होती है कि श्रोता मुझे में उस महान गायक को तलाशते है।’ अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे बताया कि ‘अच्छे संगीत में भला किसकी दिलचस्पी नहीं होती, इसीलिए आज के मौजुदा दौर में रिमिक्स कवर वर्जन,फोक और पैरोडी अलबमों का चलन तेजी से बढ रहा है। देश के विभिन्न भागों में आयोजित सैकडों शो का हिस्सा बन चुके गायक जैवी सिंह की जादुई आवाज का ही चमत्कार है कि उनकी गायकी को जिसने सुना, उनका ही होकर रह गया। आखिर उनकी मधुर गायकी का रहस्य क्या है ? प्रश्न के उतर में उनका जबाव था कि ‘कि एक सफल और स्थापित गायक बनने के लिए जरूरी है ,उसका अर्तमुखी होना,साथ मंझी गायकी। गायकी सरल है, लेकिन उसे अगर उसे लय में सही ढंग से गाया जाये तो उसका अलग ही मजा है। इसके लिए जरूरी है संगीत का ज्ञान, और आज भी मेरी तीन घंटे संगीत  अभ्यास दिनचर्या है।

देश के विभिन्न भागों में आयोजित सैकडों शो का हिस्सा बन चुके, गायक जैवी सिंह की जादुई आवाज का चमत्कार है कि उनकी गायकी को जिसने सुना, उनका ही होकर रह गया। आखिर उनकी मधुर गायकी का रहस्य क्या है ? प्रश्न के उतर में उनका जबाव था कि ‘कि एक सफल और स्थापित गायक बनने के लिए जरूरी है, उसका अर्तमुखी होना, साथ मंझी गायकी । जैवी अपने अनुभव बांटते हुए कहते है कि मैं हंस जी से प्रभावित रहा हूं मैंने और हंस जी ने  एक ही  मंच पर कई बार गायकी  भी पेश की है, किन्तु उनके साथ सामने गाने का मौका नही मिला उसका मलाल मुझे हमेशा ही रहेगा।
जैवी अपने अनुभव बांटते हुए कहते है कि वैसे तो सूफी गायक मैं हंसराज हंस से प्रभावित रहा हूं, उनके गीत ही मेरी पहचान रही है, और मैंने और हंसजी ने एक ही मंच पर कई बार गायकी पेश की है, किन्तु उनके साथ सामने गाने का मौका नहीं मिला उसका मलाल मुझे हमेशा ही रहेगा।नवोदित गायकों की तरह ही जैवी सिंह का सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। उन्होंने अतीत में घटित एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि ‘ एक बार मुझे पंजाब एंड सिंध बैक द्वारा आयोजित प्रतिभा खोज प्रतियोगिता में गाने का अवसर मिला। लेकिन जब अंत तक मुझे मंच पर नहीं बुलाया गया तो मैं टूट चुका था। खैर, किसी तरह एक नेक फरिश्ता मेरी मदद के लिए आगे आया। एक सुनहरा मौका और मंच पर मैंने जब गीत ‘ जुगनी गई सी गाया तो पूरा ही प्रांगण तालियां की गडगडाहाट गंज उठा। उस समय मेरा सीना चोडा हो गया, और मजेदार बात यह रही की उस प्रतियोगिता में मैं दुसरे स्थान पर रहा। अपने अब तक के सफर से जैवी सिंह खुश हैं। भविष्य की योजनाओं की चर्चा चलते ही जैवी कहते है कि ‘मैं फिलहाल तो पंजाबी फिल्मों में गाने के प्रस्ताव है वही बॉलीवुड से भी कुछ फिल्मों के प्रस्ताव आये है। बाकी तो समय ही बतायेगा किया क्या जाए।
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