सोसल डेवलेमैट वेलफेयर सोसाईटी (रजि0 एन जी ओ) के तत्वाधान में जस्टिस सुनैदा भण्डारे फाउंडेशन व ग्राम विकास ऐसोसिएसन गाँव शाहाबाद मौहम्मद पुर की भागीदारी से संस्था अध्यक्ष श्री नरेश लाम्बा जी के नेतृत्व में राजकीय माध्यमिक बालिका विद्यालय गाँव शाहाबाद मौहम्मद पुर में मिशन वूमन ऐम्पावरमैंट के तहत कन्या छात्राओं को शिक्षा के द्वारा आगे बढ़ने व महिलाओं व लड़कियों को समाज में हो रही दिक्कतो व इन समस्याओं के हल पर सेमिनार का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में श्रीमान मुरलीधर सी भण्डारे माननीय राज्यपाल उड़िसा राज्य मुख्य अतिथि के रुप में आकर गाँव व गाँव के विद्यालय और छात्राओ का सम्मान बढ़ाया।
इनके गाँव के आगमन पर गाँव की तरफ से गाँव के प्रधान श्री नरेश लाम्बा, श्री ओम प्रकाश सोलंकी जी, श्री किशन चन्द लाम्बा जी व ठाकुर मुनीम सिंह भदौरिया जी ने माननीय राज्यपाल जी का पगड़ी बांधकर सम्मान किया। गाँव के विद्यालयों की प्रधानार्चाय श्रीमती ईन्दिरा मेहता जी व श्री एम एल मीणा जी ने बच्चो द्वारा बनाई गई पेंटिग भेंट कर माननीय राज्यपाल जी का स्वागत किया। इस अवसर पर विद्यालय की छात्राओं ने राष्ट्रीय व लोक गीतो पर नृत्य प्रस्तुत कर राज्यपाल जी की सराहना पाई। अन्य मुख्य अपस्थित प्रवक्ताओं में डा0 के एस भाटी जी ने लड़कियों व महिलाओं के कानूनी अधिकारों पर रोशनी डाली।शिक्षा आधिकारी श्री एन सी कोशिक जी ने सरकार व शिक्षा निदेशालय य द्वारा छात्राओं को दी जा रही सहायताओं के बारे में विस्तार से बताया।
माननीय राज्यपाल जी ने अपने अभिभाषण में कहा कि जब श्री लाम्बा जी व भाटी जी एक वर्ष पहले मुझसे मिले थे इन्होने मुझे इस विद्यालय में आकर छात्राओं को प्ररेणा देने के लिए निंमत्रण दिया लेकिन आज मुझे विद्यालय में आने का अवसर मिला। गाँव के बालिका एवं बाल विद्यालय के 100 प्रतिशत रिजल्ट की सुनकर मुझे हैरानी हुई कि गाँव के छात्र-छात्राएँ शिक्षा में इतने सबल हो गए है कि मैं अपने आप को रोक न सका। यह सब बच्चो व अध्यापक-अध्यापिकाओं की मेहनत और मार्गदर्शन का फल है। श्री भण्डारे साहब ने कहा कि भारतीय नारी शक्ति है, नारी का सम्मान करो राष्ट्र का उत्थान करो, भरत के संविधान में स्त्री-पुरुष के अधिकार समान है, भारत की जनसंख्या 121 करोड़ है जिसमें पुरुष 62 करोड़ 37 लाख-नारी 58 करोड़ 65 लाख है किन्तु शिक्षित नारीयाँ 11 करोड़ व पुरुष 10 करोड़ से निचे है। बोर्ड की परिक्षाओं मे साफ है कि 10 में 7 टापर बालिकाएँ ही होती है। आजादी के बाद भारतीय नारियों ने देश में ही नही विदेश में भी देश का नाम रोशन किया है। हजारो सालो से समाज पुरुष प्रधान रहा है लेकिन अब समय बदल गया है आज भारतिय नारिया हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है। उन्होने छात्राओं को देश की विभिन्न अग्रणी महिलाओं के उदाहरण देते हुए छात्राओ को प्रेरित किया।