प्रेमबाबू शर्मा
अखिल भारतीय संस्था श्री राम फिजिकल वेलफेयर एसो. (रजि.) के द्वारा आयोजित निःशुल्क स्वदेशी जाँच चिकित्सा एवं स्वास्थ्य तथा गौ माँ का वैज्ञानिक महत्व और पंचगव्य चिकित्सा शिविर का स्वदेशी बचाओ आंदोलन एवं राजीव दीक्षित अनुसंधान केंद्र के संयोजक आचार्य जितेंद्र जी एवं आंदोलन के कार्यकर्ताओं द्वारा 10 अगस्त को देश की राजधानी दिल्ली के समुदाय भवन झोड़ों वाला पार्क नांगलोई में किया गया। संस्था के मुख्य संरक्षण मनोज शौकीन जी एवं संरक्षक कृष्ण गहलोट जी व स्वदेशी बचाओ आंदोलन के राष्ट्रीय सचिव एवं संस्था के अध्यक्ष संतोष राजपूत, कोषाध्यक्ष रश्मि शर्मा, अक्षय कुमार पांडा, सुशील तोमर, संतोष यादव, नेहा, राधेश्याम, देवेंद्र शर्मा, देवेंद्र सिंह आदि के अथक प्रयासों एवं सामाजिक जन जागृति की भावना से भारत में हो रही दमा, वैंहृसर, मधुमेह, सायटिका, माईग्रेन, ब्रेन हेम्ब्रेज, लकवा आदि कईगंभीर बिमारियों से पीड़ित लगभग ४०० से ज्यादा रोगियों की समस्या का निवारण किया गया।
आचार्य जितेंद्र जी द्वारा स्वदेशी एवं गौ माँ के वैज्ञानिक महत्व विषय पर दिए व्याख्यान में उन्होने बताया कि आज हमारे देश में बिमारियां होने का मुख्य कारण विषयुक्त अनाज, फल, सब्जी तथा वर्तमान में जैनेटिकली मॉडिफाईड फ़ूड है। हम अपनी भारतीय भोजनशैली, कृषि तथा विज्ञान को छोड़ कर पश्चिमी भोजनशैली तथा फास्ट पूहृड के चक्रव्यूह एवं दुष्प्रचार में फंस कर अपना स्वास्थ्य खराब कर रहे है। अगर हम केवल अपनी भोजनशैली, कृषि एवं दिनचर्या को सुधार कर भारतीयता पर आधारित कर लें तो हम सभी गंभीर बिमारियों से बच सकते है। गाय पर बात करते हुए आचार्य जितेंद्र ने कहा कि शुद्ध भारतीय वंश की गाय से प्राप्त गौमूत्र पर आज ६ अमेरिकन पेटेंट लिए जा चुके है तथा उससे आज केंसर, एचआईवी, मधुमेह, ब्लड प्रेशर आदि का ईलाज संभव है। पंचगव्य चिकित्सा विज्ञान को विश्वभर में गंभीर बिमारियों की चिकित्सा के लिए सर्वश्रेष्ठ पद्धति माना जाने लगा है। आज भारत ही नहीं अपितु पुरे विश्व में पंचगव्य चिकित्सा का लाभ लेकर लाखों लोग गंभीर बिमारियों से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।