प्रेमबाबू शर्मा
भारत में पहली बार भूकम्प की पूर्व सूचना देने वाली प्रणाली इस्तेमाल में लायी जा रही है। टैरा टेलीकाॅम प्राइवेट लिमिटेड तथा जर्मन की कम्पनी सेक्टी इलेक्ट्रोनिक्स जीएमबीएच के संयुक्त उपक्रम के तौर पर भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने वाली यह सुरक्षा प्रणाली देश में प्रारम्भ की गई है। भूकम्प की पूर्व चेतावनी देने वाली सुरक्षा प्रणाली हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ स्थित मिनी सचिवालय में स्थापित की गई है। इस प्रणाली को सीएसआईआर-एसईआरसी (स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग रिसर्च सेंटर), चेन्नई में 10 मार्च, 2016 को किए परीक्षण में सफल पाया गया था। इस प्रणाली को हरियाणा सरकार के चंडीगढ़ के सेक्टर 17 स्थित मिनी सचिवालय में 14 मार्च, 2016 को स्थापित किया गया है। इस सात मंजिली इमारत की छत पर एक सार्वजनिक अलार्म प्रणाली भी लगाई गई है, जो कि आपात स्थिति में 6 किलोमीटर के दायरे में अलार्म बजाएगी।
टैरा टेलीकाॅम के प्रबंध निदेशक श्री बिजेंदर गोयल ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हमने अपने प्रदर्शन के दौरान यह दिखा दिया कि कैसे इस प्रणाली के उपयोग से नये सचिवालय भवन की लिफ्ट रूककर भूतल पर आ गई और हर मंजिल पर अलार्म बजने शुरू हो गए। इसका उपयोग सार्वजनिक उद्घोषक प्रणाली की तरह किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हालांकि इस प्रणाली का अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा पहले ही परीक्षण किया जा चुका है। सीएसआईआर-एसईआरसी द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण किए जाने के बाद अब भूकम्प की पूर्व सूचना देने वाली इस प्रणाली की भारत में भी विश्वसनीयता और बढ़ेगी।
इस अवसर पर उपस्थित सेक्टी इलेक्ट्रोनिक, जर्मनी के प्रबंध निदेशक श्री जुएरजेन प्रज्बीलाक ने कहा कि हमारी प्रणाली दुनिया में एकमात्र ऐसी प्रणाली है जो कि न केवल भूकम्प की पूर्व सूचना देती है, बल्कि इस प्रणाली सुरक्षा संबन्धी ऐसी खूबियां हैं, जिन्हें भवन प्रबंधन की प्रणाली से भी जोड़ा जा सकता है। इस प्रणाली को 2006 से अब तक 25 देशों में स्थापित किया जा चुका है, जहां यह सफलतापूर्वक काम कर रही है। नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ डिजास्टर मैनेजमेंट (जिओहैजार्ड डिवीजन) के हेड प्रोफेसर चंदन घोष ने कहा कि न सिर्फ भवन निर्माताओं बल्कि आम आदमी की भी यह जिम्मेदारी बनती है कि वे भूकंपरोधी भवनों के निर्माण पर जोर दे। उन्होंने कहा कि सरकार को भी इस संबन्ध में कड़े कदम उठाने की जरूरत है।