दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) ने केंद्र सरकार से पत्रकार सुरक्षा अधिनियम बनाने की मांग की है। देश भर में पत्रकारों पर हो रहे जानलेवा हमलों के खिलाफ बृहस्पतिवार को जंतर मंतर पर डीजेए की अगुवाई में आयोजित धरने में इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा की गई । वक्ताओं ने एकजुटता के साथ कहा कि देश के किसी भी हिस्से में पत्रकार पर हुआ हमला लोकतंत्र के चैथे स्तम्भ को कुचलने की मंशा से किया जाता है जिसे सहन नहीं किया जाएगा। धरने के उपरांत डीजेए के एक प्रतिनिधिमंडल ने केंद्रीय गष्हमंत्री श्री राजनाथ सिंह को अपनी मांगो के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा।
धरने को संबोधित करते हुए डीजेए के महासचिव श्री आनंद राणा ने कहा कि आज तमाम प्रभावशाली ताकतें पत्रकारों को सच लिखने और कहने से रोकने के लिए अपराध करने से भी नहीं चूक रही है। हाल ही में यूपी और मध्यप्रदेश के दो पत्रकारों को जिंदा जलाकर मारने की घटनाएं इसका ज्वलंत उदाहरण है। उन्होंने कहा पत्रकारों के लिए आज का समय आपातकाल की तरह है। श्री राणा का कहना था कि ऐसी घटनाओं पर केन्द्र सरकार और राज्य सरकारों की चुप्पी और दोषी लोगों को बचाने का प्रयास यह साबित करता है कि सत्ता तंत्र सच्चाई को दबाने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर सहयोग करता है। उन्होंने कहा कि जब तक पत्रकारों के हित में सुरक्षा अधिनियम नही बनाया जाएगा तब तक अपराधिक ताकतों को रोक पाना आसान नही होगा। डीजेए के अध्यक्ष श्री अनिल पांडे ने कहा मौजूदा माहौल में पत्रकार साथियों को एकता बनाए रखने की जरूरत है।
एनयूजे के पूर्व अध्यक्ष श्री राजेन्द्र प्रभु, डा नंदकिशोर त्रिखा, श्री के एन गुप्ता, पूर्व महासचिव श्री रासविहारी ने कहा कि पत्रकारो पर हुए हमलो की सीबीआई जांच कराई जाए। आज विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र में मीडिया की स्वतंत्रता पर हो रहा कुठाराघात निंदनीय है इसे रोके जाने की जरूरत है। उनका कहना था कि जब कोई पत्रकार किसी घोटाले को उजागर करने का कार्य करता है तो मामले में लिप्त लोग इसे ब्लेकमेलिंग का रूप देने की कोशिश करते है यह सरासर गलत है। इस मौके पर डीजेए के पूर्व अध्यक्ष श्री मनोज वर्मा, श्री मनोज मिश्र, श्री मनोहर सिंह, श्री अशोक किंकर, सीमा किरण, खालिद अनवर, राकेश शुक्ला, फजले गुफरान, प्रतिभा शुक्ला, एस.एस.डोगरा और श्री दधिबल यादव सहित सैंकड़ो पत्रकार उपस्थित थे।
(Photo: Sujan Singh)