अब तो देर भई नंदलाल



मधुरिता 

अब तो देर भई  नंदलाल,  अब तो देर भई  नंदलाल 
कहाँ कहाँ मैं खोजत हारी, मिले न कहीं नंदलाल 
भीतर खोजा बहार ढूंडा कहीं न मिले नंदलाल 
खोजत खोजत हार गयी अब तो जीवन हारी नंदलाल 
जब कृपा की बूँद पड़ी तो, ज्ञान का दीपक मन में जला 
तब मिल गए नंदलाल, तब मिल गए नंदलाल
जित देखूं तित श्याम मई है यह सब संसार 
यही है जीवन का आधार, अब तो मिल गए नंदलाल