तबले की थाप पर घुंघरुओं की झंकार, नवरस, रस पंचानन और बोल बंदिशों से सजी अरूणिमा कुमार द्वारा कुचीपुडी की प्रस्तुति हेबिटेड सेंटर के स्टेन आडिटोरियम में संगीत प्रेमियों का दिल छूती रही। एक तरफ सारंगी और वाद्ययंत्रों के संग मंचित होते भाव दिल में उतरते रहे तो वहीं दूसरी ओर अरूणिमा कुमार के थिरकते कदम पुस्तक तिनका तिनका तिहाड की रचनाओं को जीवंत करते रहीे।
– प्रेमबाबू शर्मा