विश्व शांति के अग्रदुत भगवान गौतम बुद्ध की 2578वीं जयंती समारोह श्री ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था तथा डाॅ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वधान में आयोजित की गई जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति, अल्पसंख्यक एवं पिछडे़ वर्ग के प्रतिभाशाली बच्चों को जागरूक करने के लिए निबन्ध प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता व भगवान बुद्ध के उपर स्लोंगन लिखने वाले बच्चों को श्री तेज प्रताप नारायण, अतिरिक्त महाप्रबंधक, रेल मंत्रालय ने बच्चों को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में भगवान बुद्ध के उपर कविता पाठ करने के लिए मनोनित कवियों द्वारा भगवान बुद्ध के उपर कविताएं प्रस्तुत की गई जिसे देखकर जनता भाव विभोर हो गई।
संस्था द्वारा इस तरह का आयोजन काॅलोनी स्तर पर इसलिये आयोजित किया गया ताकि छात्र-छात्राओं के अन्दर जागरूकता लाई जा सके। संस्था 2012 से अनधिकृत काॅलोनी में छात्र-छात्राओं को जागरूक करने के लिए एक अभियान चला रही है। फिर भी विडंबना है कि अन्य राज्यों से दिल्ली में छात्र-छात्राऐं आकर किराये के घर में रह कर अपने भविष्य को सँवार रहे है परन्तु दिल्ली में रहने वाले अप्रवासी नागरिकों ने छोटा-मोटा घर बनाया या फिर स्लम या जे.जे.काॅलोनी में रह कर अपने जीवनयापन तो कर रहे है लेकिन उनके बच्चें शिक्षा के क्षेत्र में वंचित है। जो बहुत ही सोचनीय विषय है।
श्री ज्ञान गंगोत्री विकास संस्था ने भगवान बुद्ध के जन्म उत्सव के अवसर पर एक संकल्प किया कि काॅलोनी, स्लम एवं जे.जे.काॅलोनी में रहने वाले नागरिकों के बीच भारत सरकार द्वारा संतो, महापुरूषों की जयंती आयोजित कर इनके अन्दर छिपी प्रतिभा को जागरूकता के तहत बाहर लाने का अवसर देगी। कार्यक्रम में कवि श्री संतोष पटेल, श्री विक्रम सिंह सचान, श्री राज कुमार अनुरागी, श्री राजेश कुमार मांझी, श्रीमति अनुराधा कनौजिया, श्री अमलेश प्रसाद, श्री अजय कुमार सिंह, आर.डी.निमेश ने अपनी कविता के माध्यम से (बेटी बचाओं, बेटी पढ़ाओं और बेटी को आत्मनिर्भर बनाओं) दर्शकों को बहुत कुछ सोचने पर विवश कर दिया। मंच का संचालन संस्था के संस्थापक महासचिव भाई भरत जी ने किया और बताया कि सामाजिक जागरूकता तब आयेगी जब हर समाज के लोग जागरूक होंगे और अपने बच्चों को जागरूक करेंगे। वंही कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था की मानद् महासचिव डाॅ. रानी सिंह ने तथा प्रोग्राम अधिकारी गुड्डी शर्मा ने किया और 50 बच्चों को उपहार स्वरूप पुरूस्कार देकर सम्मानित किया।