आलोचक कहते हैं कि टेलीविजन पत्रकारिता में प्रतिभावान लोग नहीं हैं. लेकिन कुछ टेलीविजन पत्रकार उस भ्रम को लगातार तोड़ रहे हैं. मनोज भावुक ऐसे ही पत्रकार हैं. चैनलों में रहते हुए ही उन्होंने दुनिया को अपनी रचनात्मकता से चमत्कृत कर दिया. मनोज भावुक को साहित्य-जगत के कई प्रतिष्ठित सम्मान प्राप्त हो चुके हैं. उनकी कविता पुस्तक ‘ चलनी में पानी ‘ बहुचर्चित पुस्तकों में शुमार की जाती है, उनके ग़ज़ल-संग्रह ” तस्वीर जिंदगी के ” के लिए उन्हें प्रतिष्ठित भारतीय भाषा परिषद सम्मान और भाऊराव देवरस सेवा सम्मान से नवाज़ा गया। टी-सीरीज ने इन ग़ज़लों को रीलिज किया जो भोजपुरी का पहला ग़ज़ल -अल्बम है। हाल हीं में मॉरिशस के प्रधानमन्त्री सर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने मनोज भावुक को विश्व स्तर पर भोजपुरी का प्रचार-प्रसार करने के लिए अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी गौरव सम्मान से सम्मानित किया है। मूलरूप से सीवान (बिहार ) में जन्में और रेनुकूट (उत्तर प्रदेश ) में पले-बढ़े मनोज भावुक विश्व भोजपुरी सम्मेलन की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष हैं और दुनिया भर के भोजपुरी भाषा को समर्पित संस्थाओं के संस्थापक, सलाहकार और सदस्य हैं।
मनोज ने नब्बे के दशक में बतौर फ़्रीलांसर पटना दूरदर्शन और कई समाचार-पत्रों के लिए काम करना शुरू किया. 1998 में भोजपुरी के प्रथम टीवी सीरियल “सांची पिरितिया” में बतौर अभिनेता और 1999 में “तहरे से घर बसाएब” टीवी सीरियल में बतौर कथा-पटकथा, संवाद व गीत लेखक जुड़े। ये दोनों सीरियल पटना दूरदर्शन से प्रसारित हुए। वर्ष 2008 में बतौर प्रोग्रामिंग हेड ‘हमार टीवी’ से जुड़े और प्रोग्रामिंग कंटेंट और स्पेशल प्रोजेक्ट्स एंकरिंग के साथ हीं साथ फिल्म, साहित्य, संगीत, फैशन, गॉसिप, डोमेस्टिक बिहेवियर, करियर, हेल्थ, फोक स्टोरीज और सेक्स जैसे ज्वलंत मुद्दों पर कई फिक्शन और नॉन फिक्शन कार्यक्रम बनाए. लगभग चार सालों तक हमार टीवी को अपनी सेवाएं देने के बाद मनोज ने अंजन टीवी में एग्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर के पद पर ज्वाइन किया।
मनोज भोजपुरी साहित्य और सिनेमा के विशेषज्ञ हैं। कवि और फिल्म समीक्षक हैं। लंबे समय तक थियेटर करते रहे हैं। बिहार आर्ट थियेटर, कालिदास रंगालय के नाट्य डिप्लोमा (96-98) के टॉपर रहे हैं.फिल्मों में अभिनय किया है, लोक राग , भोजपुरी नाटक और भोजपुरी सिनेमा के इतिहास पर गहन शोध किया है, बतौर विश्लेषक कई टीवी चैनलों की बहसों में शिरकत करते रहे हैं और कई अखबारों में स्तंभ लिखते रहे हैं. मॉरिशस, नेपाल, अफ्रीका और ग्रेट ब्रिटेन आदि देशों के अधिवेशनों में साहित्यिक-सांस्कृतिक विनिमय हेतु शिरकत करते रहे हैं और ये अनुभव मनोज द्वारा बनाये गए कार्यक्रमों के कंटेंट में बोलते हुए दिखाई देते हैं। अंजन टीवी के लिए मनोज ने भिखारी ठाकुर, राजेन्द्र प्रसाद , बिस्मिल्लाह खान जैसी भोजपुरी विभूतियों पर स्पेशल कार्यक्रम बनाये। ” भोजपुरी सिनेमा :1948 -2013” के सफर पर डॉक्यूमेंटरी बनायी। क्राइम शो ” गुनहगार” लिखा। फ़िल्मी सितारों के क्रिकेट मैच ” सेलिब्रिटी क्रिकेट लीग ” के लिए गीत लिखे जो मैच के दौरान सभी स्टेडियम में गूंजते रहे। चैनल के टायटल सांग के साथ हीं साथ चटखारा न्यूज के लिए कर्रेंट अफेयर्स को ध्यान में रखकर चुटीले व गुदगुदाते गीत लिखे। ‘ सुबह के म्यूजिकल शो और मैगज़ीन के लिए ‘चाह गरम’ जैसा कैची और ठेठ नाम दिया। कार्यक्रमों के नाम, प्रोमो, टीजर्स, टायटल सांग और कंटेंट डिजाइन के अलावा बतौर एंकर और प्रोड्यूसर मनोज ने बतकही (सेलिब्रिटी से बातचीत ), बॉक्स ऑफिस (फिल्म -समीक्षा), कइसे कहीं ( हेल्थ शो ) और काव्यांजलि (कवि- सम्मेलन) जैसे सफल शोज बनाये।
और अब महुआ प्लस से जुड़ने के पहले हीं दिन चैनल के सबसे लोकप्रिय शो ” भौजी न० १ ” के जज बने मनोज ने चैनल से जुड़ने पर अपनी ख़ुशी जाहिर करते हुए कहा कि ” हम भोजपुरी के ब्रांड और सबसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म पर खड़े हैं और उम्मीद करते हैं कि अपने दर्शकों के लिए कुछ नया, कुछ यूनिक, कुछ बेहतरीन बनायेगें। थीम पुराना भी होगा तो अंदाज़ नया और जुदा होगा। ”