Lalit Padh
यह नितांत सत्य है, मनुष्य शरीर पांच तत्वों से बना है और उन पांचो तत्वोंके अलग अलग धर्म और गुण है ! इन पांचो तत्वोंके गुणों का वर्णन इस प्रकार है !
१. मिट्टी…इसका तत्व नाक है ! उसको घ्राण कहते है ! सुगंध और दुर्गन्धका ज्ञान उसीसे होता है !
२.जल …इसका तत्व रसना है ! स्वाद उसीसे लिया जाता है ! जलके प्रभावसे शरीर सदा खुश रहता है ! खारा, मीठा, कडवा, स्वाद उसीसे मालूम होते है !
३. अग्नि…इसका तत्व आँख है ! उसे दृष्टि कहते है ! इसमें प्रकाश भरा हुआ है !
४. वायु…इसका तत्व शरीर है ! जिसको त्वक कहते है ! सर्दी, गर्मी, कठोरता, कोमलता का ज्ञान उसीसे होता है !
५.आकाश…इसका तत्व कान है ! इसे श्रोत कहते है ! अच्छे बुरे
शब्द इसी श्रोत इन्द्रियसे ही जाने जाते है ! ये ही कान है ! अगर कान न हो तो मनुष्य जड है ! …श्री राधेश्याम…हरि हरः