मेरे हमसफ़र ( भारत के सूत्रधार बहुरंगी साक्षात्कार)

समीक्षा – मेरे हमसफ़र ( भारत के सूत्रधार बहुरंगी साक्षात्कार)

समीक्षक : प्रीति शर्मा असीम


श्री एस.एस डोगरा जी की” मेरे हमसफ़र “पुस्तक विलक्षण प्रतिभाओं को एक सूत्र में पिरोती प्रेरणा देती ।अपने आप में अमूल्य कृति है जिसमें उन्होंने भारत भूमि के कोने-कोने से महान विभूतियों को चुन -चुन कर उनसे जुड़ी बातें साक्षात्कार के माध्यम से पहली बार हमारे समक्ष प्रस्तुत की हैं । यह बहुत ही रोचक पुस्तक है क्योंकि हमें एक साथ अनगिनत प्रतिभाओं के बारे में जानने का अवसर प्राप्त होता है। पत्रकार-लेखक-असिस्टेंट प्रोफ़ेसर एस.एस.डोगरा की यह तीसरी पुस्तक (“मेरे हमसफ़र”) है जिसमें शिक्षा, साहित्य, राजनीति, खेल, मीडिया, सिनेमा, आध्यात्म, समाजसेवी क्षेत्र की नामचीन हस्तियों के कुल ४७ साक्षात्कार हैं। इसका प्राक्कथन हिंदुस्तान के हिंदी पत्रकारिता के पुरोधा परम आदरणीय डॉ वेद प्रताप वैदिक जी तथा भारतीय जन संचार संस्थान के महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी जी ने लिखा है।

एस.एस डोगरा जी की नवीनतम पुस्तक – मेरे हमसफ़र (बहुरंगी साक्षात्कार) – का लोकार्पण हाल ही में (23 नवम्बर,2021) को राष्ट्रीय हास्य कवि व पद्मश्री से सम्मानित श्री सुरेन्द्र शर्मा द्वारा दिल्ली के केन्द्रीय संस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र – संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, द्वारका में संपन्न हुआ। श्री डोगरा पिछले 25 वर्षों से मिडिया एवं पत्रकारिता क्षेत्र में सक्रिय हैं। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अनेकानेक हस्तियों के साक्षात्कार किए, डॉक्यूमेंट्री तथा लघु फिल्मों का निर्माण किया, मिडिया से संबंधित दो पुस्तकें लिखी जिन्हें महामहिम राष्ट्रपति जी द्वारा भारत के तीन विश्वविद्यालय अम्बेडकर यूनिवर्सिटी, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी तथा आई पी यूनिवर्सिटी में के पाठ्यक्रम में शामिल किया गया | साथ ही वे पिछले 10 वर्षों में देश भर में स्कूल तथा मिडिया विद्यार्थियों के लिए 250 से अधिक कार्यशाला आयोजित कर चुके हैं । पत्रकारिता में अपनी निष्ठा, मेहनत व लगन से आज वह उस मुकाम पर पहुंच गये है जहां उन्हें ‘ मिडिया वर्कशॉप गुरु’ के नाम से पहचाना जाता है।

मेरे हमसफ़र – उनके द्वारा लिखी एक प्रेरणादायक पुस्तक है। जिसमें देश भर से विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत 47 शख्सियतों के साक्षात्कार के आधार पर आदर्श व अनुकरणीय जीवन शैली का दर्शन प्रस्तुत किया गया है। जहां एक ओर विश्वविख्यात पर्वतारोही सुश्री बछेंद्री पाल सिंह जी का जो खिलाड़ी है , फिल्म जगत के जाने-माने कलाकार प्रेम चोपड़ा जी का, स्टेंड अप कमेडियन श्री राजू श्रीवास्तव जी का, राजनीतिक नेता श्री अनुराग ठाकुर जी, भारतीय फुटबाल टीम के कप्तान सुनील छेत्री, प्रेरक वक्ता बी.के.शिवानी, वरिष्ठ पत्रकार, लेखक – साहित्यकार, फ़िल्मकार, शिक्षाविद्द, गीतकार, खिलाड़ी, समाजसेवी आदि शामिल है ।वहीं इन हस्तियों के बीच मेरा परिचय इस पुस्तक में शामिल करना मेरे लिए असीम गौरव की बात है । श्री डोगरा, इस ‘ साक्षात्कार – संकलन’ के लिए साधुवाद के पात्र है । वह स्वयं छात्रों और समाज के लिए एक प्रेरणा स्रोत है। मेरा सौभाग्य रहा कि उनसे मिलकर मुझे बहुत कुछ सीखने समझने को मिला। क्योंकि पुस्तक के लेखक श्री एस.एस डोगरा जी व्यक्तित्व परखने की अद्भुत समझ रखते हैं लेखक का यही गुण और अनुभव पुस्तक को और सशक्त बना देता है

इस पुस्तक की सबसे प्रमुख विशेषता यह है कि इन साक्षात्कारों की सबसे बड़ी खूबी इनकी विविधता है।‌ जन- जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों के प्रतिष्ठित सज्जनों के साक्षात्कार पाठकों को उनके जीवन में आगे बढ़ने का मार्ग सुझाते हैं। जिन व्यक्तित्व के साथ लेखक ने साक्षात्कार किए, वे सभी चाहे विख्यात न हो लेकिन वे बहुत प्रमाणिक लोग है।‌ किस प्रकार के छोटे -छोटे सरल सवाल पूछते हुए शख्सियत का पता लगाया जा सकता है। यह पत्रकारिता के छात्रों के लिए आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करती है। निःसंदेह इन साक्षात्कारों से पाठकों को रोचक जानकारी तो मिलती ही है, पर दूसरी तरफ़ प्रेरणा भी मिलती है।”

यह पुस्तक न केवल मिडिया जगत से जुड़े नवोदित विधार्थियों अपितु सभी वर्गों के लिए एक सकारात्मक खजाना है। एक कुम्हार की तरह डोगरा जी ने साक्षात्कारों के व्यक्तित्व को नया स्वरूप प्रदान किया है। यह जीवन के यथार्थ को बखूबी उजागर करता है। पुस्तक स्कूल, कालेज व अन्य शैक्षणिक संस्थानों के पुस्तकालयों के लिए लाभदायिक धरोहर साबित होगी।

डोगरा जी द्वारा साक्षात्कार किए गए व्यक्तियों के गूगल से लिए गए कुछ चित्र यहां दर्शाएं गये है जो पुस्तक की प्रमाणिकता दर्शाते है। साक्षात्कार अपने-अपने फील्ड में कार्य करते हुए एक आधार स्तंभ प्रस्तुत करते हैं जो जानकारी उन्होंने अपने कार्य क्षेत्र और जीवन क्षेत्र की दी है वह आने वाली पीढ़ी के लिए मार्गदर्शिका का कार्य करती है और अपने कार्य की जो बारीकियां बताई है वह बहुत ही अनुकरणीय है और जो भी उस कार्य में अपनी पहचान बनाना चाहेगा वह इस पुस्तक से प्रेरणा लेकर उसे अधिक बेहतरीन तरीके से कर पाएगा।
पुस्तक द बुक लाइन की वेबसाइट डब्ल्यू डब्ल्यू डब्ल्यू .बुक लाइन. कॉम. इन www.bookline.co. और ऐमेज़ॉन पर ₹295 में घर बैठे ही ऑर्डर भेज कर आप घर बैठे ही प्राप्त कर सकते हैं।

क्योंकि अच्छी जानकारी का कोई मूल्य नहीं होता जब विभिन्न कार्यों की जानकारी और उन में सफलता हासिल करने वालों के साक्षात्कार एक पुस्तक में प्राप्त हो तो यह अगली पीढ़ी को मील के पत्थर सिद्ध होती पुस्तक उन्हें और भी अच्छे तरीके से अपने कार्य को करने की प्रेरणा देने में सक्षम सिद्ध हो सकती है। पुस्तक के पेज न.143 पर प्रकाशित कविता “वही तो शिक्षक कहलाता है” लेखक एस.एस.डोगरा के अपने विद्यार्थियों के प्रति विशाल ह्र्दयता प्रकट करता है | इस पुस्तक को दरिया गंज-दिल्ली के प्रतिष्ठित प्रकाशक दी बुक लाइन ने प्रकाशित किया है। यह अमेजन पर ऑनलाइन उपलब्ध है |

लेखक: एस.एस.डोगरा, प्रकाशक: दी बुक लाइन-106, 4787/23 प्रथम तल, अंसारी रोड, दरियागंज, नई दिल्ली-110002 पृष्ठ संख्या : 144, पेपरबैक-पुस्तक की कीमत 295 रूपये ISBN 978-93-90838-16-5
(समीक्षक का परिचय : प्रीति शर्मा असीम (नालागढ़, हिमाचल प्रदेश) से हैं जो स्वयं देश की जानी-मानी कवियित्री-लेखिका –साहित्यकार हैं तथा वे बी.एम.जैन पब्लिक स्कूल, नालागढ़ में बतौर प्रधानाचार्या पद पर कार्यरत हैं. मोबाइल न. 8894456044 )