फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया (पेफी) एवं नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा) के सहयोग से स्वामी रामानंद तीर्थ मराठवाडा विश्वविद्यालय, नांदेड (महाराष्ट्र) डोपिंग, शारीरिक शिक्षा एवं खेल कूद विज्ञान विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस का आयोजन 27-28 मार्च को कर रहा है। इस कांफ्रेंस में देश के सभी राज्यों से करीब 200 खिलाड़ी, प्रशिक्षक, स्कूलों और कालेजों में कार्यरत शारीरिक शिक्षक खेल पत्रकारिता के दिग्गज पत्रकारों सहित खेलकूद से जुड़े लोग शामिल होंगे।
फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया के सचिव डॉ पियूष जैन ने बताया कि पूरे देश के करीब 20 विश्वविद्यालयों में पेफी और नाडा द्वारा इस तरह की कांफ्रेंस का आयोजन किया जा रहा है जिससे खेलों में बढ़ती हुई प्रतिबंधित दवाइयों के सेवन के खिलाफ खिलाड़ी और प्रशिक्षकों को जागरूक किया जाए। उन्होंने कहा कि जाने-अनजाने में खिलाड़ियों द्वारा प्रतिबंधित दवाइयां लेने से न केवल उनके कैरियर पर प्रभाव पड़ता है साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य पर भी गहरा असर पड़ता है।डॉ. जैन ने कहा कि विश्व खेल जगत में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और पदक जीतने के जुनून में खिलाड़ी डोपिंग के जरिए अपना शारीरिक दमखम बढ़ाते हैं और पकड़े जाने पर प्रतिबंधित कर दिए जाते है। कई बार खिलाड़ी बीमारी के दौरान जानकारी के अभाव में कुछ प्रतिबंधित दवाएं ले लेता है और डोपिंग में फंस जाता है। कांफ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ सिंकु कुमार सिंह ने पूरे देश के शारीरिक शिक्षक, कोचों और खिलाड़ियों से इस कार्यक्रम में भाग लेने का आह्वान किया है।