Ravan at Ramlila in Dwarka |
महेन्द्र कुमार गुप्ता
द्वारका व आसपास के इलाके में तेजी से लोकप्रियता अर्जित कर चुकी सेक्टर 10 में हो रही रामलीला में आज रात सीता हरण के प्रकरण को दिखाया गया। अति क्रोधी अति धमण्डी रावण अपने मामा मारीच को मनाते हुए कहता है कि तुम सोने का मृग बन कर जाना मैं साधु बनकर जाउंगा। तुम राम लखन को बहलाना, मैं सीता को हर लाउंगा। अपने वध की धमकी को सुनकर मारीच फैसला करता है कि रावण के हाथों मरने से तो अच्छा है कि भगवान राम के हाथों मरकर स्वर्ग में जाया जाए एवं वह इस कार्य में रावण का साथ देने के लिए मायावी मृग बनने को तैयार हो जाता है। मृग को देखने के बाद सीता माता मर्यादा पुरूषोतम राम से अनुरोध करतीं हैं – सुनो स्वामी मेरे रघुराई, ये हिरण मेरे मन भाई, तुम इस हिरण को ला दो ना। इसकी काया कंचन – कंचन, इसका रूप है कितना सलौना, इसकी बहकी बहकी चाल, तुम इस हिरण को ला दो ना।
रामलीला मचन के मध्य में मुख्य संरक्षक राजेश गहलोट, पूर्व उपमहापौर व सदस्य डीडीए द्वारा रामलीला देखने आईं मुख्य हस्तियों का सम्मान किया गया जिनमें श्री राम अवतार, संरक्षक, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, अनूप रोहरा, द्वारका फोरम, डोगरा जी व संजय मिश्रा, द्वारका परिचय, संतोष जी, दैनिक जागरण उत्तम नगर के पार्षद व भुपेन्द्र मान, राजीव अग्रवाल, एम एल गंगवार, प्राचार्य एवं अन्य गणमान्य हस्तियां शामिल थी। इस अवसर पर राजेश गहलोट, मुख्य संरक्षक ने बताया कि किस तरह आज्ञाकारी राम अपने पिता के आदेश को मानकर 14 वर्ष के लिए वनवास चले गए। बच्चों को यहां से भगवान राम के संस्कारों को ग्रहण कर उन्हें अपने आचरण में उतारना चाहिए।
कल श्री हनुमान मिलन व बाली बध का मंचन मनोहरी व हृदय स्पर्शी मंचन किया जाना है।