जूनून हमसे क्या कुछ नहीं करा लेता।वो हमें चुप नहीं बैठने देता।हमें हार नहीं मानने देता।यूं तो हम कुछ न कुछ करने की कोशिश करते ही रहते हैं। लेकिन अगर जुनून होता है तो सबकुछ बदल जाता है।19वीं सदी के फ्रांसिसी लेखक और विचारक ऐमिल जोला ने कहा था कि मैं तो बोरियत की बजाए जुनून में मरना पसंद करूंगा। अक्सर हम अपनी पसंद ,चाहत और तमन्ना को जुनून तक नहीं ले जा पाते। लेकिन सकारात्मक कार्यों का सम्मान आरजेएस स्टार संपादक अवॉर्ड 2020 से सम्मानित विजय शर्मा के कार्यों को देखकर समाज को प्रेरणा मिल रही है।
समाजसेवी संपादक विजय शर्मा ने बताया कि 25 मार्च जब से लोकडाउन शुरू हुआ पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के लिए इनका मन व्याकुल हो उठा और ये आईटीओ, दिल्ली के सार्वजनिक स्थानों पर चिन्हित कबूतरों के बीच पहुंचकर दाना-पानी की व्यवस्था करने लगे। धीरे-धीरे समाज के कुछ लोग और पत्रकार भी हाथ बंटाने लगे और सहयोग भी आने लगा।लाॅकडाउन के 22 वें दिन..दिनांक..15.04.2020 (बुधवार) को लगातार जारी.. बेजुबान परिंदा सेवा मे…डीसीपी सेन्ट्रल , दिल्ली श्री संजय भाटिया जी की प्रेरणा से व कालकापीठ के परमपूज्य पीठाधीश्वर महंत श्री सुरेन्द्रनाथ अवधूत जी महाराज के सहयोग व आशीर्वाद से विजय शर्मा नेलगातार ये ये सेवा जारी रखी है।
आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने बताया कि विजय शर्मा जी और सांध्य वीर अर्जुन, दिल्ली के समाचार संपादक और आरजेएस स्टार हैं तथा सकारात्मक भारत आंदोलन से जुड़े रहे हैं। राम-जानकी संस्थान , आरजेएस द्वारा साल में दो बार ये सकारात्मक कार्यों का सम्मान दिया जाता है।कई सालों से श्री शर्मा द्वारा अस्थियां एकत्र करना और पवित्र गंगा जल में अस्थि विसर्जन कलश यात्रा करना एक बहुत ही अनूठा कार्य कर रहे हैं। आपकी प्रेरणा से टीम आरजेएस ने नि:शुल्क मीडिया कार्यशाला की शुरूआत की जो आठ बार आयोजित की गई।इंडियन मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन ,इम्वा, दिल्ली के माध्यम से कोरोना योद्धा पत्रकारों के बीमा की कोशिश कर रहे हैं।