पिछले हफ्ते की लहलहाती फसलों ने भोजपुर के किसानों में सुनहरे भविष्य की बुनियाद दी थी। लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनके सपने बारिश के थपेड़ों को सह नहीं पाएंगे। खेती में अनिश्चितता तो सभी जानते हैं । लेकिन बेमौसम बरसात भी होगी इसकी आशा नहीं थी। आरजेएस रिपोर्ट भोजपुर जिले से — बिहार, भोजपुर जिला रतनाढ़ गांव निवासी किसान उमाशंकर सिंह ,अनंत सिंह और भीम सिंह तथा बेरथ के किसान बिमलेश्वर सिंह ने आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया से बातचीत में बताया कि 11 मार्च से 14 मार्च तक की लगातार रूक रूक कर हुई बारिश ने किसानों को कहीं का नहीं छोड़ा। रबी की फसल गेहूं,जौ,चना और मसूर आदि बर्बादी के कगार पर हैं।
बरसात के चलते सारी फसल यहां तक कि उगनेवाली जेठुआ सब्जियों को भी पानी ने डुबा दिया।सभी खेतों में पानी भरा हुआ है। निकासी की व्यवस्था नहीं है। किसान करें तो क्या करें। बेरथ में ऊंची जगह पर होने से केवल गेहूं की फसल बच गई। लेकिन मुख्य फसल चना के तो फूल ही झर गए। अब तो इन्हें समय से पहले काटकर मिंथा ही लगाना पड़ेगा । बेरथ गांव के किसान विजय सिंह ,अनिल सिंह ,बसंत सिंह ,श्याम बाबू महतो ,भोदा मिया ,शकूर मिया, भुवर सिंह ललन सिंह बसन्त उर्फ सुखल सिंह आदि का कहना है कि बारिश का पानी खेतो में लगने से चना ,मसूर ,खेसारी ,गेंहू जौ- बाजरा को तो नुकसान हुआ ही आम ,महुआ ,सहजन के फूलों को नष्ट कर दिया ।अब उस पौधे में काफी कम मात्रा में फल लगेगा जिससे उत्पादन में काफी कमी आएगी ।आर्थिक रूप से काफी नुकसान हो गया। आरजेएस स्टार अवार्ड2020 से सम्मानित रतनाढ़ पैक्स अध्यक्ष भानू प्रताप सिंह उर्फ धर्मेंद्र सिंह ने आरजेएस पाॅजिटिव मीडिया से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार और राज्य सरकार से इन सभी किसानों ने फसल क्षति पूर्ति अथवा फसल बीमा अनुदान की मांग की है। इनकी मांगों को हम सरकार तक पहुंचाएंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सरकार ऐसा मुआवजा देगी जो ऊंट के मुंह में जीर नहीं होगा। ये पर्याप्त होना चाहिए।
आरजेएस राष्ट्रीय स्टार2020 से सम्मानित आइडियल एजुकेशन सेंटर,रतनाढ़ के संचालक अजय कुमार ने बताया कि जल्द ही सुरक्षित और टिकाऊ कृषि से आमदनी बढ़ाने के लिए आरजेएस की सकारात्मक बैठक में कृषि वैज्ञानिकों को भी आमंत्रित किया जाएगा। ये सच है कि खेती ही अन्नदाता किसानों की आर्थिक रीढ़ है। इस आर्थिक नुकसान को झेलना किसानों के वश में नहीं है।इसका असर भोजपुर जिले के सभी किसानों के बच्चों की शिक्षा और स्वास्थ्य पर पड़ना लाजिमी है। इसलिए बिहार सरकार की फसल बीमा योजना और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ किसानों तक पहुंचना चाहिए।