देश के 25 राज्यों में आरजेएस और टीजेएपीएस केबीएसके द्वारा सकारात्मक भारत आंदोलन चलाया जा रहा है। इस वक्त उत्तराखंड सप्ताह यात्रा 19से 25फरवरी तक सकारात्मक यात्राओं और बैठकों के माध्यम से पहाड़ी खान-पान को बढ़ावा देने की एक कोशिश है। देवभूमि रसोई के पंकज अग्रवाल के सहयोग से टीम आरजेएस प्रतिनिधिमंडल में सभी आरजेएस स्टार राजेंद्र सिंह यादव ,प्रखर वार्ष्णेय और प्रांजल श्रीवास्तव राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना के नेतृत्व में रूड़की हरिद्वार, देहरादून , मंसूरी, धनौल्टी, टिहरी झील में बैठकें और लघु बैठकें करते हुए 25 फरवरी को ऋषिकेश पहुंचा ।
यहां के डिवाइन होटल में आरजेएस (राम-जानकी संस्थान नई दिल्ली) के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने 133वीं बैठक के आयोजक और उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सम्मानित सदस्य विजय सिंह विष्ट , देवभूमि रसोई के पंकज अग्रवाल, वरिष्ठ पत्रकार विक्रम सिंह महिला पत्रकार विनिता आर कुमारको आरजेएस फैमिली की ओर से स्वागत किया।इस बैठक में छायावाद कवि सुमित्रानंदन पंत व उत्तराखंड के जनकवि स्व० गिरीश तिवारी गिर्दा को श्रद्धांजलि देकर चर्चा की गई।पहाड़ी खाना को प्रोत्साहित करने के लिए की गईबैठक की अध्यक्षता उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सदस्य विजय सिंह विष्ट ने किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के सभी रेस्टोरेंट होटल कम से कम एक से दो तरह की गढ़वाली व्यंजन को अपने मेन्यू में रख सकते हैं। चार धाम के सभी भोजनालयों में दो से अधिक व्यंजनों की दैनिक नास्ता व भोजन के लिए प्रेरित कर सकते हैं. इससे गढ़वाली भोजन सभी लोगों की पसंद बन सकता है।
इसके साथ-साथ पर्यटकों को पहाड़ी खान-पान को औषधीय गुणों के साथ प्रेरित करना भी जरूरी है।बैठक के आयोजक विजय विष्ट ने कहा कि आरजेएस प्रतिनिधि मंडल के सम्मानित सदस्य और देवभूमि रसोई के पंकज अग्रवाल का ये प्रयास एक दिन जरूर रंग लाएगा। हम ऋषिकेश आनेवाले देसी विदेशी पर्यटकों को पहाड़ी खाना उपलब्ध कराने की दिशा में आगे बढ़ चुके हैं ।श्री पंकज अग्रवाल ने आमंत्रित सभी व्यापारियों ,पत्रकारों और महिला समाज सेवियों का स्वागत करते हुए कहा कि देवभूमि रसोई यानी पहाड़ी खाना दुनिया के सामने आना चाहिए। आरजेएस फैमिली से जुड़े देवभूमि रसोई , बहादराबाद,हरिद्वार के श्री पंकजअग्रवाल ने कहा कि आगामी एक से सात मार्च 2020 तक हर साल आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में उतराखंड के योगिक और वैदिक भोजन के रुप में प्रस्तुत करने की सकारात्मक सोच रखें।। कुछ एक विशेष व्यंजन -जैसे सर्द आचारी, शहदी रोटी , भरिया रोटियां और मसाला रोटी की रेसिपी रॉयल हाउस आॅफ टिहरी से मैंने सधन्यवाद प्राप्त की और ये शाही भोजन उसी तरीके से परोसा जाए तो तो पर्यटकों के आनंद में चार चांद की बढ़ोतरी हो सकती है । हम लोग उसकी कमर्शियल वैल्यू बहुत आगे तक बढ़ा सकते हैं जो रोजगार को बढ़ा सकता है। पहाड़ी खाना के ब्रांडिंग की बेहद जरूरत है और रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त होंगे और पलायन रूकेगा। आरजेएस के राष्ट्रीय संयोजक उदय कुमार मन्ना ने कहा कि आरजेएस फैमिली और पॉजिटिव मीडिया ने उत्तराखंड संस्कृति व व्यंजन को समर्थन देनेके लिए 19 फरवरी से 25 फरवरी तक यात्रा व बैठकें कर समर्थन दिया ।