श्रीमद् भगवद्गीता के श्लोक “ध्यानेनात्मनि पश्यन्ति केचिदात्मानमात्मना। अन्ये सांख्येन योगेन कर्मयोगेन चापरे”.से राम-जानकी संस्थान पाॅजिटिव ब्राॅडकास्टिंग हाउस (आरजेएस पीबीएच) और आरजेएस पॉजिटिव मीडिया के संस्थापक उदय कुमार मन्ना ने 19 दिसंबर 2024 को विश्व ध्यान दिवस(21 दिसं.)और काकोरी शहादत दिवस(19दिसं.) पर परिचर्चा का आरंभ किया ।
ऑनलाइन बैठक में सह-आयोजक डा.पुष्कर बाला प्राचार्या बीडीएसएल महिला काॅलेज, जमशेदपुर के माता-पिता स्व० देव वंश सहाय और माता स्व०चिंगारी देवी को श्रद्धांजलि दी गई।
आरजेएस के प्रवासी माह में मुख्य अतिथि बीके राजश्री ने आध्यात्मिकता, आत्म-साक्षात्कार ,मानसिक तथा आध्यात्मिक कल्याण के लिए ध्यान तथा योग के महत्व पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र ने प्रथम विश्व ध्यान दिवस 21 दिसंबर को घोषित कर दुनिया में सकारात्मकता का उदाहरण पेश किया है।
मुख्य वक्ता शहीद वंशज अशफ़ाक उल्ला खान ने कहा कि राष्ट्रीय एकता का उदाहरण थे हमारे सेनानी। रामप्रसाद बिस्मिल, अशफ़ाक उल्ला खान, ठाकुर रोशन सिंह को 19 दिसंबर देश की आजादी के लिए हंसते-हंसते फांसी पर शहीद हुए। स्कूल-काॅलेज में कैलेंडर से भी स्वतंत्रता सेनानियों के प्रति नई पीढी प्रेरित हो सकती है।
ऑनलाइन परिचर्चा में हिंदुस्तान रिपब्लिकन आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमित आजाद ने कहा कि अंग्रेजी हुकूमत काकोरी केस को काकोरी कांड कृत्य के नाम से पुकारती थी। पर यह सुनहरा अध्याय भारत मां के उन राष्ट्र पुत्रों ने उसे समय लिखा जिस समय भारत मां अंग्रेजी हुकूमत की बेड़ियों में जकड़ी थी जिनकी आज हम शहादत दिवस मना रहे हैं ।
अंत में नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करने, सकारात्मकता को बढ़ावा देने और नकारात्मकता पर काबू पाने में सकारात्मक आंदोलन के महत्व पर जोर दिया गया। इस बैठक में सुरजीत सिंह दीदेवार, मयंक,राजेन्द्र सिंह कुशवाहा, सत्येंद्र त्यागी,इशहाक खान, ओमप्रकाश झुनझुनवाला, ब्रजकिशोर और आकांक्षा आदि शामिल हुए।प्रवासी माह में 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे 297 वां आरजेएस पीबीएच कार्यक्रम दीदेवार जीवन ज्योति के सहयोग से आयोजित करने और न्यूज़ लेटर दिसंबर का लोकार्पण 29 दिसंबर को करने की जानकारी दी गई। इस बीच राष्ट्रीय किसान दिवस 23 दिसंबर,सुशासन दिवस 25 दिसंबर और साल की विदाई व संकल्प दिवस 31 दिसंबर को मनाया जाएगा।