(द्वारका परिचय न्यूज डेस्क)
भाषा, साहित्य, कला और संस्कृति के संरक्षण-संवर्धन के लिए समर्पित संस्था सर्व भाषा ट्रस्ट द्वारा दिल्ली के साहित्य अकादमी सभागार में प्रथम वार्षिकोत्सव का आयोजन किया गया। इसमें देश के 32 साहित्यकारों को उनकी प्रथम प्रकाशित हिंदी पुस्तक के लिए ‘सूर्यकांत त्रिपाठी निराला साहित्य सम्मान 2018, दिया गया। ‘सर्व भाषा’ पत्रिका से 26 साहित्यकारों को उनके संपादन-सहयोग के लिए ‘सर्व भाषा सम्मान 2018’ दिया। कार्यक्रम में ‘सर्व भाषा ट्रस्ट’ के सदस्यों को सदस्यता सम्मान-पत्र भी दिया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत देश की युवा ओडिसी नृत्यांगना सुश्री मेघना बारीक के मंगलाचरण नृत्य से हुआ। इस आयोजन में पुस्तक लोकार्पण का भी कार्यक्रम था जिसमें सबसे पहले ‘सर्व भाषा’ पत्रिका के तीसरे अंक का लोकार्पण हुआ, तत्पश्चात डोगरी व हिंदी के साहित्यकार यशपाल निर्मल की डोगरी पुस्तक ‘डोगरी लोक कत्था ते मानवीकरण’ का लोकार्पण हुआ। लोकार्पण के क्रम में मधु त्यागी की पुस्तक ‘स्पंदन’, शालिनी शर्मा की पुस्तक ‘श्रीजीता’, सर्व भाषा ट्रस्ट के अध्यक्ष अशोक लव की व्याकरण की पाँच पुस्तकों, साँझी सोच पत्रिका तथा राजीव पाण्डेय की पुस्तक ‘शब्दांजलि’ का लोकार्पण हुआ।
अपने स्वागत भाषण में सर्व भाषा ट्रस्ट की परिकल्पना और उसकी योजनाओं पर अध्यक्ष अशोक लव ने विस्तृत रूप से प्रकाश डाला।उन्होंने देश के विभिन्न नगरों से आए साहित्यकारों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह सम्मान प्रदान करने का उद्देश्य उन साहित्यकारों को सम्मानित करके लेखन के लिए प्रोत्साहित करना था, जिनके जीवन की पहली साहित्यिक पुस्तक प्रकाशित हुई है। उन्होंने सर्व भाषा ट्रस्ट को सभी भारतीय भाषाओं को एकसूत्र में बाँधने वाली संस्था कहा और इसकी योजनाओं के विषय में बताया।। सचिव रीता मिश्रा व समन्वयक केशव मोहन पाण्डेय ने वार्षिक रिपोर्ट पढ़ी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री अजीत दुबे जी ने भाषाओं की महत्ता बताते हुए सर्व भाषा की कार्य-योजनाओं की सराहना की। श्री ओ पी मोहन व श्री अजीत दुबे को लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिया गया। विशिष्ट अतिथिगणों डॉ. वेदप्रकाश पाण्डेय, अशोक श्रीवास्तव, सुनील सिन्हा, डॉ. राजेश भंडारी ‘बाबु’, प्रदीप गुलाटी को विशिष्ट-अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन तरुणा पुंडीर, इंदु मिश्र ‘ किरण’, पूजा कौशिक ने किया। मधु त्यागी, श्वेता, केशी गुप्ता, आभा जैन आदि ने आयोजन में महत्त्वपूर्ण योगदान किया। सर्व भाषा ट्रस्ट के समन्वयक केशव मोहन पाण्डेय ने साहित्यकारों और संस्था के सहयोगियों का विशेष रूप से धन्यवाद किया और उन्हें सम्मान प्राप्त करने के लिए बधाई दी।