ओंकारेश्वर में जल नहीं चढ़ाएं तो यात्रा अधूरी मानी जाती हैI पवित्र पुण्य सलिला मां नर्मदा के तट पर ज्योतिर्लिंग भगवान ओंकारेश्वर स्वयं ओम आकार के पर्वत पर मां नर्मदा कावेरी जलधा री के रूप में स्वयं ओमकार पर्वत शिव के रूप में विराजमान हैंI ऐसे पवित्र स्थान पर बार-बार आने का मन करता है अन्य तीर्थों की अपेक्षा यहां मन को शांति मिलती हैI प्रदूषण मुक्त धार्मिक नगरी ओंकारेश्वर में अनेकों बार आया पर अब जब भी आता हूं तो पवित्र मा नर्मदा नदी को सुखा देख कर मन बहुत दुखी होता है, क्योंकि कल-कल बहने वाली मां की धारा छोटी हो गई चट्टानों पर स्नान कर रहे भक्त I
एनएचडीसी बांध निर्माण एजेंसी से आप लोग चर्चा करें प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आने वाले श्रद्धालु यहां आते हैंI कैसा संदेश लेकर जाते होंगे मध्य प्रदेश व केंद्र सरकार पर्यटन को बढ़ावा दे रही हैI इस दिशा में पहल होना आवश्यक है महंत हनुमान सिद्ध पीठ के परम पूज्य स्वामी ओम दास योगी ने संतो के साथ ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर दर्शन कर पर्वत की परिक्रमा की तथा यहां के प्रशासन को नर्मदा के तटों पर प्रदूषण मुक्त कर सबसे व्यवस्था किए जाने की बात कही तया आसपास हो रहे अवैध उत्खनन रोकने की मध्यप्रदेश शासन व केंद्र शासन से चर्चा करने की बाद कहींI मंहत ओम दास जी ने खेडी घाट पर .जाकर महत्वपुर्ण आश्रमों में रात्रि विश्राम कर विशेष संतो से चर्चा कर बाम्बे स्थित आश्रम के लीए रवाना हुएI