आज पुरे भारत वर्ष में देश का बच्चा-बच्चा जेब में मोबाइल लेकर घूमता दिखाई दे जाता है क्या कभी इस पर विचार किया गया है कि इसका श्रेय किसे जाता है जी हाँ भारत रत्न देश के पूर्व प्रधानमन्त्री स्वर्गीय राजीव गाँधी को ही जाता है. अस्सी के दशक में तत्काल प्रधानमंत्री पद पर कार्यरत स्वर्गीय राजीव गाँधी जी कंप्यूटर को लाने की अलख जगाई थी तो बहुसंख्या में आलोचकों ने तरह तरह की नकारत्मक विचार प्रकट कर खूब टांग खिचाई की थी. लेकिन उस समय की गई पहल की बदौलत ही करोड़ों युवाओं को देश विदेश में रोजगार भी मिला और शोहरत भी.
इसी कड़ी में वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया है और एक महत्त्वकांक्षी “डिजिटल इंडिया” अभियान के तहत भारत वर्ष को 21वीं शदी में विश्व स्तर देश को सुचना प्रोधिगिकी के क्षेत्र में अग्रिण स्थान में पहुचाने में बहुमूल्य योगदान का परिचय दिया है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने अमेरिकी दौरे के दौरान मैडिसन स्क्वायर में भाषण देते हुए कहा था कि अमेरिका सहित संसार के कई देश कहा करते थे कि भारत सपेरों का देश है और वह आधुनिक सभ्यता से बहुत पीछे है, परंतु अब हम कंप्यूटर के ‘माउस’ से सारी दुनिया को नचाते हैं। सारी दुनिया भारत के आईटी उद्योग की अभूतपूर्व सफलता का लोहा मानती है। उन्ही मजबूत इरादों को पूरा करने के लिए कल यानि १ जुलाई से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक जुलाई को डिजिटल इंडिया अभियान की शुरुआत करेंगे।
सूत्रों के मुताबिक डिजिटल इंडिया के तहत तीन कार्य हो रहे हैं। पहला, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर जिसके तहत पंचायतों को नेट से जोड़ना और एक कॉमन सर्विस सेंटर बनाना। दूसरा, हर व्यक्ति की डिजिटल आईडी बनाना। इसके लिए मोबाइल नंबर, बैंक एकाउंट और आधार नंबर को जोड़ा जाएगा। और तीसरा है लोगों के बीच डिजिटल लिटरेसी को बढ़ाना, जिससे कि नागरिक इंटरनेट प्रयोग करना और ई-मेल आदि पर कार्य कर पाएं।
इन्ही उद्देश्यों को मजबूत स्तंभों का अमली जमा पहनाने हेतु एक सप्ताह तक चलने वाले डिजिटल इंडिया सप्ताह अभियान राजधानी के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में देश और दुनिया के प्रमुख उद्योगपतियों की मौजूदगी में शुरूआत की जा रही है। इसमें सभी राज्यों के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रियों को भी आमंत्रित किया गया है। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री डिजिटल इंडिया से जुड़े कुछ कार्यक्रमों और मोबाइल ऐप्प भी लांच करेंगे।सूत्रों से पता चला है कि इसमें भाग लेने वाले उद्योगपतियों में टाटा समूह के साइरस पी मिस्त्री, रिलायंस इंडस्ट्रीज के मुकेश अंबानी, भारती इंटरप्राइजेज के सुनिल मित्तल, आदित्य बिड़ला समूह के कुमार मंगलम बिड़ला, रिलायंस धीरूभाई अंबानी समूह के अनिल अंबानी,स्टरलाइट टेक्नोलॉजीज के अनिल अग्रवाल, डेल्टा इलेक्ट्रोनिक्स के पिंग चेंग, विप्रो के अजीम प्रेमजी, हीरो समूह के पवन मुंजाल, निडेक कारपोरेशन के मिकिओ कातायामा शामिल है। इसी कार्यक्रम में माइक्रोसॉफ्ट,गूगल और फेसबुक के प्रतिनिधियों के भी आने की संभावना है।
एम्स का ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट सिस्टम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान का हिस्सा बन गया है। प्रारंभिक तौर पर इस नेटवर्क से अब तक देश के चार बड़े अस्पताल जुड़ चुके हैं, जिसमें दिल्ली के तीन अस्पताल हैं। इनमें एम्स के अलावा आरएमएल और सफदरजंग अस्पताल का स्पोट्र्स इंजरी सेंटर शामिल है। एम्स के तर्ज पर इन दोनों अस्पतालों में इलाज के लिए मरीज ऑनलाइन अप्वाइंटमेंट ले सकेंगे।इस डिजिटल इंडिया अभियान से धीरे-धीरे देश भर के अस्पताल जोड़े जाएंगे। इससे किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए डॉक्टरों से समय लेना आसान हो जाएगा। बकायदा एक जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसका विधिवत शुरुआत करने वाले हैं। आधार कार्ड के जरिये अप्वाइंटमेंट लेना आसान होगा। डॉक्टरों का कहना है कि एक जुलाई को दिल्ली में केंद्र सरकार एक बड़े समारोह में इस परियोजना को लांच करने वाली है। इससे अब तक एम्स, आरएमएल, सफदरजंग अस्पताल का स्पोट्र्स इंजरी सेंटर और निम्हांस जुड़ चुका है। भारत सरकार द्वारा “डिजिटल भारत” की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में मुफ्त “डिजिटल लोकर” सेवा का प्रारंभ किया गया है| यह देश में ई-सेवाओं के विस्तार और लोगों के लिए सरकारी सेवाओं को आसान बनाने की दिशा बहुत उपयोगी सिद्ध होगा |
आखिर डिजिटल लाकर क्या है:
यह एक ऐसा स्थान है, जहाँ हम अपने किसी भी डॉक्यूमेंट जैसे पहचान पत्र, पेन कार्ड, डिग्री, इत्यादि को अपलोड करके सुरक्षित रख सकते है | इसके अलावा यदि कोई सरकारी विभाग हमें कोई डॉक्यूमेंट (जैसे ड्राइविंग लाइसेंस) जारी करता है तो वह भी यहाँ सुरक्षित रूप से उपलब्ध रहेगा |
डिजिटल लॉकर के लाभ:
*किसी भी संस्थान या सरकारी विभाग में विभ्भिन कार्यों के लिए अपने डॉक्यूमेंट की भौतिक कॉपी देने की आवश्यकता से निजात |
*अपने ओरिजिनल डॉक्यूमेंट को जाँच के लिए देने का झंझट समाप्त |
*डॉक्यूमेंट की फोटो कॉपी लेने और उसे विभ्भिन विभागों और संस्थाओं को भेजने से छुटकारा |
*किसी भी सरकारी विभाग द्वारा जारी दस्तावेज जैसे पेन कार्ड, वोटर कार्ड तक इन्टरनेट पर कहीं भी से पहुँच |
*सरकारी विभागों को भौतिक दस्तावेजों के सँभालने और सत्यापित करने के झंझट से मुक्ति और इससे सरकारी कार्यों में तेजी |
*डिजिटल हस्ताक्षर की सुविधा |
*किसी भी कंपनी या संस्थान द्वारा डॉक्यूमेंट मांगे जाने पर, भौतिक डॉक्यूमेंट की जगह इस डिजिटल लॉकर में रखे डॉक्यूमेंट का लिंक उनको ईमेल पर शेयर करना |
*किसी भी डॉक्यूमेंट की स्कैन कॉपी को इस लॉकर में अपलोड करके सहेजना |
*अपने डॉक्यूमेंट, उनको जारी करने वाले विभाग की जानकारी, उनको उपयोग करने वालों की जानकारी इत्यादि आसानी से जान सकते है |
क्या है ई-बस्ता
अब देश के सभी राज्य के शिक्षा बोर्ड की किताब को छात्र कहीं से भी घर बैठे न सिर्फ पढ़ पाएंगे बल्कि फ्री में डाउनलोड भी कर सकेंगे। ई-बस्ता पोर्टल में सभी राज्यों के एजुकेशन बोर्ड अपनी पूरी टैक्स्टबुक ऑन लाइन रखेंगे। केंद्रीय शिक्षा बोर्ड की भी किताबें इसमें होगी। इससे छात्रों के न सिर्फ बस्ते का वजन हल्का होगा बल्कि वे मोबाइल, टेबलेट या कंप्यूटर पर डाउनलोड कर किताब पढ़ सकेंगे। सूत्रों के मुताबिक उक्त पोर्टल ई-बस्ता सरकार डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत कल 1 जुलाई को मनाए जाने वाले डिजिटल वीक के दौरान लॉन्च करेगी। इस वीक के दौरान कम्युनिकेशन और आईटी मंत्रालय ई-बस्ता के अतिरिक्त स्कॉलरशिप पोर्टल, ई-हॉस्पिटल, ई-प्रिज़न, डिजिटाइज्ड इंडिया आदि करीब एक दर्जन पोर्टल की शुरुआत करेगा। अभी प्रायोगिक तौर पर कुछ पोर्टल कार्य कर रहे हैं।डिजिटल इंडिया कैंपेन में इंटरनेट की धीमी गति को बढ़ाने के लिए सरकार ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क को बढ़ा रही है।
2.5 लाख पंचायतों को इससे जोड़ने व कार्य की गति को बढ़ाने के लिए अब भारत नेट के जरिए स्टेट को भागीदारी के लिए कहा है जिसके तहत राज्य पंचायतों को भी जोड़ा जाएगा।