आर्य समाज,रोहिणी के 22वें वार्षिकोत्सव पर पांच दिवसीय वैदिक कार्यक्रम का आयोजन

आर्य समाज सेक्टर -7 रोहिणी ने अपने 22 वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर पांच दिवसीय वैदिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया। इस दौरान यजुर्वेद पारायण महायज्ञ, वेद्कथा, महिला सम्मेलन, युवा विचार गोष्ठी एवं वरिष्ठ आर्यजनों का सम्मान समारोह संपन्न हुआ। वार्षिकोत्सव के समापन अवसर पर आयोजित वरिष्ठ आर्यजनों के सम्मान समारोह के दौरान अपने संबोधन में क्षेत्रीय निगम पार्षद ताराचंद बंसल ने कहा कि आज के व्यस्त दिनचर्या में समयाभाव के चलते घर के बच्चों एवं बुजुर्गों में दूरियां बढती जा रही हैं। ऐसे कार्यक्रमों से उनमें निकटता आती है और भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति का अपने आप हस्तांतरण होता है।

प्रबुद्ध शिक्षाविद एवं सामाजिक कार्यकर्त्ता श्री राजकुमार जैन ने ऐसे कार्यक्रमों से अधिकाधिक युवाओं को जोड़ने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि कोई भी धर्म या समाज रचनात्मक कार्यों के लिए युवा वर्ग की ओर आशा भरी दृष्टि से देखता है। युवा वर्ग ही समाज को उन्नत स्वरुप प्रदान करने में सक्षम है। श्री जैन ने युवा आर्य समाज के कार्यों की सराहना करते हुए उनका आह्वान किया कि वे अत्याधुनिक साधनों का और भी अधिक उपयोग करते हुए आर्य समाज की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाएं जिससे समाज में व्याप्त बुराईयों एवं कुरीतियों का खात्मा किया जा सके।

उल्लेखनीय है कि आज के कार्यक्रम से पूर्व युवा सम्मेलन का आयोजन किया गया था जिसका उदघाटन अपार इंडिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्युशन्श के डायरेक्टर अपार जैन ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सम्मेलन में सात्विक एवं तामसिक आहार के गुण-दोष पर प्रकाश डालते हुए सात्विक आहार को ही सर्वोत्तम आहार बताया गया । इस पांच दिवसीय वैदिक कार्यक्रम के दौरान आर्य समाज रोहिणी के संरक्षक सुखदेव आर्य तपस्वी के पावन सान्निध्य में सुप्रसिद्ध आर्य विद्वान आचार्य उषर्बुध जी के प्रेरक प्रवचन सुन बड़ी संख्या में उपस्थित आर्यजन भाव-विभोर हो गए। वहीँ जालंधर,पंजाब के भजन गायक सुरेंद्र गुलशन जी ने कर्णप्रिय भक्ति संगीत की अनुपम धारा प्रवाहित की। आचार्य राम किशोर शास्त्री ने यज्ञ कार्य संपन्न कराया।

कार्यक्रम के सफल आयोजन में आर्य समाज रोहिणी के संरक्षक सुरेन्द्र आर्य एवं श्रीमती संतोष चैधरी, प्रधान अश्विनी आर्य, मंत्री ओम प्रकाश चुघ, कोषाध्यक्ष देवराज आर्य, स्त्री आर्य समाज की संरक्षिका श्रीमती अमिता सपरा एवं श्रीमती विजया आर्या, प्रधान डॉ शकुंतला वर्मा, मंत्रिणी उर्मिला आर्या एवं कोशाध्यक्षा सुधा आर्या-कोमल शर्मा, युवा आर्य समाज के विवेक आर्य,शालिनी आर्य, अश्विनी सिंघल, प्रेरणा ऋषि, आयुष आर्य, दिग्विजय आर्य,दिव्यांशु आर्य एवं राहुल अरोड़ा की प्रमुख भूमिका रही ।